डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी ने भारी उद्योग मंत्रालय को दिया है प्रस्ताव, मंजूरी के बाद होगी कार्रवाई
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इस वर्ष के अंत तक होगा एचइसी का अधिग्रहण
डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी ने भारी उद्योग मंत्रालय को दिया है प्रस्ताव, मंजूरी के बाद होगी कार्रवाई रांची : डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी इस वर्ष के अंत तक हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचइसी) का अधिग्रहण कर सकता है. भारी उद्योग मंत्रालय के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि एचइसी अधिग्रहण के बाद भी एटॉमिक क्षेत्र के […]
रांची : डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी इस वर्ष के अंत तक हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचइसी) का अधिग्रहण कर सकता है. भारी उद्योग मंत्रालय के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि एचइसी अधिग्रहण के बाद भी एटॉमिक क्षेत्र के अलावा स्टील, माइनिंग, डिफेंस, रेलवे सहित अन्य क्षेत्रों में जो कार्य करता आ रहा है, उसे करता रहेगा. डिपार्टमेंट ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज के लिए एचइसी लंबे समय से उपकरण का निर्माण कर रहा है. एचइसी ने इसरो के लिए लाउंचिग पैड, सीओटी क्रेन सहित अन्य उपकरण बनाये हैं. वहीं, वर्तमान में भी एचइसी डिपार्टमेंट के लिए कई उपकरण का निर्माण कर रहा है.
इसलिए डिपार्टमेंट ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज को एचइसी के बारे में पूरी जानकारी है. अधिकारी ने बताया कि दोनों मंत्रालय प्रस्ताव को लेकर गंभीर हैं. भारी उद्योग मंत्रालय से प्रस्ताव की मंजूरी मिलने के बाद इसका कैबिनेट बनाया जायेगा. इसके बाद यह प्रस्ताव ग्रुप ऑफ सेक्रेटरी के पास जायेगा. वहां से मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव को भारी उद्योग मंत्री के पास अंतिम रूप से स्वीकृति के लिए जायेगा. मालूम हो कि गुरुवार को राज्यसभा में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने राज्यसभा सांसद समीर उरांव के प्रश्न के जवाब में कहा था कि डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी ने एचइसी को टेकओवर करने का प्रस्ताव दिया है.
एचइसी के अधिकारियों और कर्मचारियों में खुशी की लहर
राज्यसभा में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने सांसद समीर उरांव को दी है जानकारी
अधिग्रहण के बाद केवल मंत्रालय बदलेगा, पहले की तरह ही काम करता रहेगा एचइसी
रूस व इजराइल की कंपनी से एमओयू का फायदा
एचइसी ने हाल में रूसी कंपनी ओकेबीएम व सिनिटमास के साथ एमओयू किया है. यह दोनों कंपनियां परमाणु ऊर्जा, रियेक्टर, पानी जहाज के लिए उपकरण का निर्माण करती हैं. एचइसी के अधिकारी ने बताया कि रूसी कंपनी से तकनीक मिलने से एचइसी में न्यूक्लियर क्षेत्र में बड़े-बड़े उपकरण बनेंगे. वहीं, इजराइल की कंपनी एचइसी को बुलेट प्रूफ जैकेट व आर्म्ड व्हीकल बनाने का तकनीक देगी. इसी को देखते हुए डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी ने एचइसी को टेकऑवर करने का प्रस्ताव भारी उद्योग मंत्रालय को दिया है.
एचइसी के अधिकारियों में खुशी
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते द्वारा राज्यसभा में दिये गये बयान पर एचइसी के अधिकारियों व श्रमिक संगठनों में खुशी की लहर दौड़ गयी है. अधिकारियों का कहना है कि डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी द्वारा एचइसी का अधिग्रहण करने से एचइसी के दिन एक बार फिर बदल जायेंगे. प्लांटों का जीर्णोद्धार होगा, एचइसी को कार्यादेश की कमी नहीं हाेगी, नयी मशीन आने से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, एचइसी कर्मियों को समय पर वेतन मिलेगा.
केंद्र सरकार कर्मियों की मांगों को भी जल्द से जल्द पूरा करेगी
अगर अधिग्रहण होता है, तो यह एचइसी के लिए बहुत खुशी का दिन होगा. इससे बिक्री और बंदी की चर्चाओं पर लगाम लगेगी. केंद्र सरकार कर्मियों के बकाया एरियर सहित अन्य मांगों को भी जल्द से जल्द पूरा करेगी.
लालदेव सिंह, अध्यक्ष, हटिया कामगार यूनियन
यह केंद्र सरकार की अच्छी पहल है. इससे एचइसी कर्मियों का भविष्य सुरक्षित हो जायेगा. कर्मियों की लंबित मांगें व सुविधा में बढ़ोतरी होगी. हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री से जल्द से जल्द अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी करायें.
अनिल कुमार सिंह, अध्यक्ष, जनता मजदूर यूनियन
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