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रांची : मेले में बिक रहीं हानिकारक रंगों से बनी मिठाइयां, 33 सैंपल फेल
रांची : जगन्नाथपुर मेले में लड्डू, बुंदिया, बालुशाही व जलेबी की दुकानों में शुक्रवार को खाद्य जांच की गयी. खाद्य निरीक्षकों की टीम ने मोबाइल लैब की सहायता से कुल 35 सैंपल की जांच की. इनमें से 33 में अौद्योगिक उपयोग वाला मेटानिल येलो (पीला) रंग मिला. चंपई कलर के यह रंग मिठाई को चमकदार […]
रांची : जगन्नाथपुर मेले में लड्डू, बुंदिया, बालुशाही व जलेबी की दुकानों में शुक्रवार को खाद्य जांच की गयी. खाद्य निरीक्षकों की टीम ने मोबाइल लैब की सहायता से कुल 35 सैंपल की जांच की. इनमें से 33 में अौद्योगिक उपयोग वाला मेटानिल येलो (पीला) रंग मिला. चंपई कलर के यह रंग मिठाई को चमकदार रंग तो प्रदान करता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
दरअसल, पुड़िया वाला पीला या गंधक रंग अखाद्य रंग है. इसे मेटानिल येलो भी कहा जाता है. यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है व रोग जनित भी. ठेले सहित होटलों में बिकनेवाले लड्डू, जलेबी, बुंदिया, मंचूरियन व चाट (छोला सहित अन्य) में यह रंग धड़ल्ले से प्रयोग किया जाता है. इसके सेवन से जिगर व यकृत संबंधी रोग तथा कैंसर भी हो सकता है. शहर में जलेबी के ठेलों पर यह रंग खूब इस्तेमाल होता है.
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