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दुष्ट व नकारात्मक सोचवाले व्यक्तियों के साथ नहीं रहें
अस्वस्थामा ने दुर्योधन रूपी असत्य का साथ दिया और परिणाम स्वरूप चिरंजीवी होते हुए भी संसार में भटक रहा रांची : श्री राणी सती मंदिर लेन रातू रोड स्थित श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर (श्रीतिरूपति बालाजी) के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय दिव्य श्रीमद्भागवत कथा भक्ति महोत्सव का गुरुवार को समापन किया गया. महोत्सव के सातवें व […]
अस्वस्थामा ने दुर्योधन रूपी असत्य का साथ दिया और परिणाम स्वरूप चिरंजीवी होते हुए भी संसार में भटक रहा
रांची : श्री राणी सती मंदिर लेन रातू रोड स्थित श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर (श्रीतिरूपति बालाजी) के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय दिव्य श्रीमद्भागवत कथा भक्ति महोत्सव का गुरुवार को समापन किया गया.
महोत्सव के सातवें व अंतिम दिन कथा शुरू होने के पूर्व मुख्य यजमान अशोक कुमार राजदेवी राजगड़िया व दैनिक यजमान अरविंद-नूतन कटारूका ने श्रीमद्भागवत महापुराण व जगदगुरु रामानुजाचार्य श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्य का पूजन किया.
श्रीस्वामी ने कहा कि ईर्ष्या और द्वेष से मनुष्य का कैसे पतन होता है, उसका उदाहरण गुरु द्रोण पुत्र अश्वस्थामा है. अश्वस्थामा चिरंजीवी है, ब्राह्मण पुत्र है, विद्वान है, श्रेष्ठ धनुर्धर है, लेकिन द्वेष के कारण अश्वस्थामा ने पांडवों के वंश का नाश करने की प्रतिज्ञा कर ली और सिर्फ तीन महीने के गर्भस्थ बालक पर ब्रह्मास्त्र चला दिया. श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्यजी ने प्रपत्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो भगवान की शरणागति कर लेता है और जिसके रक्षक स्वयं भगवान हैं, उसका वध कौन कर सकता है. अस्वस्थामा ने दुर्योधन रूपी असत्य का साथ दिया और परिणाम स्वरूप चिरंजीवी होते हुए भी संसार में भटक रहा है.
बदनामी के कलंक के साथ जीने को मजबूर है. इसलिए दुष्टों और नकारात्मक सोचवाले व्यक्तियों के साथ नहीं रहना चाहिए. इस अवसर पर अश्विनी राजगड़िया, अरविंद राजगड़िया, अरुण राजगड़िया, श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर संचालन समिति के राम अवतार नारसरिया, गोपाल लाल चौधरी, नारायण जालान, ज्ञान प्रकाश बुधिया, घनश्याम दास शर्मा, प्रदीप नारसरिया सहित सैकड़ों भक्त उपस्थित थे.
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