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रांची : मजहब नहीं, इंसान बड़ा होता है: रिजवी
रांची : अंसार नगर चर्च रोड रांची स्थित मसजिद-ए-जाफरिया में महफिल-ए-मिलाद ए हसन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सैयद मेहंदी इमाम ने की. मौलाना हाजी सैयद तहजीब उल हसन रिजवी इमाम ए जुमा मस्जिद जाफरिया ने कहा कि इमाम ए हसन का जन्म मदीने की पाक धरती पर हुआ. मदीने वालों को जब […]
रांची : अंसार नगर चर्च रोड रांची स्थित मसजिद-ए-जाफरिया में महफिल-ए-मिलाद ए हसन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सैयद मेहंदी इमाम ने की.
मौलाना हाजी सैयद तहजीब उल हसन रिजवी इमाम ए जुमा मस्जिद जाफरिया ने कहा कि इमाम ए हसन का जन्म मदीने की पाक धरती पर हुआ. मदीने वालों को जब उनकी पैदाइश का पता चला तो लोग झुंड के झुंड दरे रसूल पर पहुंच कर नबी और हजरत अली के खिदमत में मुबारकबाद पेश की.
मौलाना हसन ने कहा कि इमामे हसन ने फरमाया कि वह व्यक्ति सच्चा मुसलमान नहीं हो सकता जो खुद खाये और उसका पड़ोसी भूखा रहे. किसी ने सवाल किया कि हजरत इमामे हसन अगर हमारे मजहब के हों तभी तो हम उस को खाना खिलायें इस पर इमामे हसन ने जवाब दिया मजहब बड़ा नहीं होता इंसान बड़ा होता है और मजहब वही अच्छा है जिसमें इंसानियत पर रहमदिली करना सिखाता है.
अता इमाम रिजवी, हसनैन, समर अली, फैजान हैदर, अमूद अब्बास, मोहम्मद इमाम, अज्म हैदरी, इम्तियाज हैदर ने कलाम पेश किया. कार्यक्रम का आयोजन सैयद जफर उल हसन द्वारा किया गया .
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