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कैबिनेट से नहीं पास हो पाया झारखंड रेवेन्यू प्रोटेक्शन बिल
रांची : कैबिनेट ने भू-राजस्व एवं निबंधन विभाग द्वारा पेश किये गये झारखंड रेवेन्यू प्रोटेक्शन बिल 2018 पर अपनी स्वीकृति नहीं दी. इससे अब सरकारी जमीन की हेराफेरी करनेवाले कर्मचारियों व अधिकारियों को किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी. साथ ही ऐसा करनेवाले कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करायी जा सकेगी. भू-राजस्व विभाग की […]
रांची : कैबिनेट ने भू-राजस्व एवं निबंधन विभाग द्वारा पेश किये गये झारखंड रेवेन्यू प्रोटेक्शन बिल 2018 पर अपनी स्वीकृति नहीं दी. इससे अब सरकारी जमीन की हेराफेरी करनेवाले कर्मचारियों व अधिकारियों को किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी. साथ ही ऐसा करनेवाले कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करायी जा सकेगी.
भू-राजस्व विभाग की ओर से रेवेन्यू प्रोटेक्शन बिल-2018 कैबिनेट की सहमति के लिए पेश किया गया था. इसमें राजस्व से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों की तुलना न्यायिक सेवा के अधिकारियों से करते हुए उनके विरुद्ध मुकदमा नहीं चलाने का प्रावधान किया गया था. विधेयक प्रारूप में यह कहा गया था कि राजस्व से जुड़े कर्मचारियों व अधिकारियों का काम अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया का है.
इस वजह से इन अधिकारियों के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. साथ ही पहले से इनके खिलाफ किसी न्यायालय में कोई मुकदमा चल रहा हो, तो उसे समाप्त कर दिया जाना चाहिए. प्रोटेक्शन एक्ट के दायरे में अमीन, हलका कर्मचारी, सर्किल इंस्पेक्टर, सर्किल अफसर, एलआरडीसी, एसएआर अफसर, एडिशनल कलक्टर, बंदोबस्त व सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, डीसी व आयुक्त को शामिल किया गया था.
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