21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : बच्चों के डिहाइड्रेशन को हल्के में न लें, फेल हो सकती है किडनी

नयी दिल्ली से आये किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ कनभ आनंद ने किया संबोधित रांची : सर गंगाराम अस्पताल, नयी दिल्ली के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ कनभ आनंद ने कहा कि बच्चों में किडनी फेल का सामान्य कारण डिहाइड्रेशन (उल्टी-दस्त) का होना है. डिहाइड्रेशन के कारण बच्चों में ब्लड प्रेशर अचानक नीचे आ जाता है, जिसके […]

नयी दिल्ली से आये किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ कनभ आनंद ने किया संबोधित
रांची : सर गंगाराम अस्पताल, नयी दिल्ली के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ कनभ आनंद ने कहा कि बच्चों में किडनी फेल का सामान्य कारण डिहाइड्रेशन (उल्टी-दस्त) का होना है.
डिहाइड्रेशन के कारण बच्चों में ब्लड प्रेशर अचानक नीचे आ जाता है, जिसके कारण किडनी को ब्लड की सप्लाई नहीं हो पाती है और किडनी फेल्योर में चला जाता है. हालांकि, समय रहते डिहाइड्रेशन पर काबू पा लिया जाये, तो बच्चे को किडनी फेल्योर जैसी गंभीर स्थिति से बचाया जा सकता है. वह रविवार को होटल बीएनआर चाणक्या में आयोजित ईस्ट जोन पीडियेट्रिक नेफ्रोलॉजी अपडेट-2018 कार्यक्रम में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि कई बार बच्चों में संक्रमण के कारण भी किडनी फेल्योर की समस्या हो जाती है. पहले किडनी फेल्योर में बच्चों का इलाज नहीं किया जाता था, लेकिन अब तकनीक व मेडिकल क्षेत्र में नये-नये शाेध के कारण इलाज संभव हो गया है.
अगर समय पर इलाज होने से 70 से 80 फीसदी किडनी फेल्याेर की समस्या से पीड़ित बच्चों को बचाया जा सकता है. सर गंगाराम अस्पताल में 700 ग्राम के नवजात बच्चे का डायलिसिस किया गया है.
वहीं, तीन साल के बच्चे का किडनी प्रत्यारोपण भी किया गया है, जिसको उसके पिता ने किडनी दान की थी. कार्यक्रम में रिम्स के पीडियेट्रिक सर्जन डॉ हिरेंद्र बिरुआ ने जन्मजात किडनी व पेशाब के रास्ते में होनेवाली समस्या पर महत्वपूर्ण जानकारी दी. कटक से आये डॉ एस प्रधान, कोलकाता से आयी डॉ सुषमिता बनर्जी ने महत्वपूर्ण जानकारी दी. कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ आरआर सिन्हा ने किया.
धन्यवाद ज्ञापन आयोजन समिति की सचिव डॉ मिता पॉल ने किया. मौके पर आयोजन समिति के सचिव डॉ राजेश कुमार, आइएपी के अध्यक्ष डॉ केके चौधरी व डॉ ओपी मानसरिया, डॉ एके शर्मा, डॉ मिन्नी रानी अखौरी, डॉ अमर वर्मा, डॉ पार्था चौधरी, डॉ अमित मोहन, डॉ शैलेश चंद्रा, डॉ यूएस प्रसाद, डॉ स्मृति नाथ, डॉ अनिताभ कुमार सहित कई शिशु रोगविशेषज्ञ माैजूद थे.
पीएचसी लेवल तक होना चाहिए पेरीटोनियल डायलिसिस का प्रशिक्षण
डॉ कनव ने कहा कि पेरिटोनियल डायलिसिस (पेट का पानी वाला डायलिसिस) का प्रशिक्षण पीएचसी-सीएचसी लेवल के डॉक्टरों को मिलना चाहिए. जानकारी होने पर ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टर डिहाइड्रेशन की समस्या होने पर बच्चों का इलाज वहीं कर लेंगे. पेरिटोनियल डायलिसिस के लिए ज्यादा सुविधा की जरूरत भी नहीं है. कैथेटर व फ्लूइड के साथ हल्का प्रशिक्षण की जरूरत है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें