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डायन के संदेह में दंपती हत्याकांड :हत्या के जिन आरोपियों को पुलिस बता रही है फरार, वे अपने गांव सुकरीडीह में ही रह रहे

अमन कुमार तिवारी डायन-बिसाही के संदेह में दंपती की हत्या के अारोपियों को प्रभात खबर की टीम ने खोज निकाला रांची : नामकुम थाना क्षेत्र के सुकरीडीह निवासी लोहर सिंह मुंडा और उनकी पत्नी कैरी देवी की पिछले दिनों डायन-बिसाही के संदेह में हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी […]

अमन कुमार तिवारी
डायन-बिसाही के संदेह में दंपती की हत्या के अारोपियों को प्रभात खबर की टीम ने खोज निकाला
रांची : नामकुम थाना क्षेत्र के सुकरीडीह निवासी लोहर सिंह मुंडा और उनकी पत्नी कैरी देवी की पिछले दिनों डायन-बिसाही के संदेह में हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है जबकि अन्य आरोपियों को पुलिस फरार बता रही है.
इधर, मंगलवार को जब प्रभात खबर की टीम मामले की पड़ताल करने गांव पहुंची, तो सुकरीडीह गांव के अधिकतर आरोपी गांव में ही मिले. टीम ने देखा कि पुलिस गांव की मुख्य सड़क पर गश्त कर रही थी. लेकिन वह गांव के अंदर नहीं गयी. इसके बाद प्रभात खबर की टीम सुकरीडीह गांव के उस अखड़ा के पास पहुंची, जहां दंपती की हत्या हुई थी.
वहां एक शादी का कार्यक्रम चल रहा था. उसी अखड़ा में हत्या के नामजद आरोपी हिंदु मुंडा का पुत्र सनिका मुंडा, डिंबा मुंडा और आंनद मुंडा बैठे हुए थे. वहीं दूसरे आरोपी अपने घरों में थे या बाहर घूम रहे थे. पूछने पर आनंद मुंडा, डिंबा मुंडा और सनिका मुंडा ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि उनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज है.
लेकिन उन्हें पुलिस बाहर से ही सरेंडर करने के लिए दबाव दे रही है. वे सरेंडर नहीं करना चाहते हैं. वे तभी सरेंडर करेंगे, जब ग्राम सभा की मरजी होगी. उन्होंने यह भी बताया कि वे गांव छोड़ कर कभी नहीं भागे हैं. वे अपने घर में ही रहते हैं. जबकि आरोपियों के गांव छोड़ कर भागने की जानकारी 11 मई को ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने भी दी है. उन्होंने यह भी बताया था कि आरोपियों की तलाश में उनके घर पर छापेमारी की गयी, लेकिन वे फरार मिले.
आरोपियों ने कहा
डायन-बिसाही के आरोप में नहीं हुई है हत्या
सनिका मुंडा, डिंबा मुंडा और आनंद मुंडा ने बातचीत के क्रम में एक और चौंकाने वाली जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दंपती की हत्या डायन-बिसाही के आरोप में नहीं हुई है. कहा कि अखड़ा की बैठक में लोहर सिंह मुंडा, उनकी पत्नी कैरो देवी पर गलत कार्यों के लिए ग्रामसभा की ओर से 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया था. जुर्माना इसलिए लगाया गया था कि एक भगत ने उनके घर में भूत- प्रेत होने की जानकारी दी थी. अखड़ा में बैठक के दौरान भगत भी शामिल हुआ था.
बैठक में दंपती से ग्रामसभा ने कहा कि उन्हें भूत-प्रेत से छुटकारा दिलाने में मदद की जायेगी. लेकिन पूर्व में की गयी उनकी गलतियों को देखते हुए पहले उन्हें 20 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा. लेकिन दंपती जुर्माने की रकम देने को तैयार नहीं थे. इस बात से आक्रोशित होकर गांव के ही हिंदु मुंडा ने लोहर सिंह मुंडा को एक थप्पड़ मार दिया. अखड़ा की बैठक में मौजूद लोहर सिंह मुंडा का पुत्र मुंडा- मुंडा भी यह सभी देख रहा था.
उसे भी अपने माता- पिता के गलत कार्यों की जानकारी पहले से थी. इसलिए उसने इसका विरोध नहीं किया. उसने पहले भी ग्रामसभा को यह आश्वासन दिया था कि अगर उनके माता- पिता भविष्य में कोई गलत काम करेंगे, तब वह खुद उनको सजा देगा. हिंदु मुंडा द्वारा दंपती से मारपीट किये जाने के बाद मुंडा-मुंडा उठ खड़ा हुआ और पास ही पड़े बांस से अपने पिता पर हमला कर दिया.
इस दौरान बीच-बचाव के लिए आयी अपनी मां को उसने पीट-पीट कर मार डाला. जब गांव के लोग दोनों को दफनाने ले गये, तब उनका पुत्र मुंडा-मुंडा भी साथ गया था. तीनों आरोपियों ने यह भी बताया कि अखड़ा की बैठक में शामिल होने लोहर सिंह मुंडा अपनी पत्नी और दोनों बेटों के साथ मरजी से आया था. यह भी जानकारी दी गयी कि लोहर सिंह मुंडा का नक्सलियों से पहले से संपर्क रहा है. उसके कारण ही वर्ष 2008 में नक्सलियों ने एक व्यक्ति की हत्या की थी.
तब उस पर ग्रामसभा ने 8000 रुपये जुर्माना लगाया था. लेकिन उसने तब भी नक्सलियों से मरवाने की धमकी देकर जुर्माना की रकम देने से इनकार कर दिया था. वह हमेशा नक्सलियों की धमकी देता था. इससे गांव के लोग उससे नाराज रहते थे. आरोपियों ने कहा कि दंपती की हत्या डायन-बिसाही के आरोप में नहीं की गयी है. घटना से पहले एतवा वहां से किसी सामान लाने के नाम पर निकला था.
मुंडा- मुंडा ने कहा
जबरदस्ती मां-बाप को उठा कर ले गये थे गांववाले
सुकरीडीह गांव छोड़ कर काकर गांव में अपने बड़े पिता समराय मुंडा के घर में रह रहे मुंडा-मुंडा के पास भी प्रभात खबर की टीम उसका पक्ष जानने पहुंची. उसने कहा कि माता-पिता की हत्या करके उसे क्या मिलेगा. कोई अपने माता-पिता की हत्या करता है क्या. उसने कहा कि मैं अपने माता-पिता की हत्या का चश्मदीद गवाह हूं. जब मेरे पिता की हत्या के बाद मेरी मां को आरोपियों ने मारने का प्रयास किया, तब मैंने इसका विरोध किया था. मैं अपनी मां की जान बचाना चाहता था.
लेकिन आरोपियों ने कहा, अगर तुम अपनी मां की जान बचाना चाहते हो, तब इसके एवज में तुम्हें अपनी जान देनी होगी. इस वजह से मैं कुछ नहीं कर पाया. हत्या के पहले मेरा भाई वहां से निकला गया था. मेरे माता- पिता को अखड़ा में हुई बैठक में शामिल होने के लिए घर से उठा कर लाया गया था. इसके बाद मैं अपने भाई के साथ वहां पहुंचा था. इस घटना के पहले मेरे माता-पिता की पहचान खूंटी निवासी एक भगत एतवा मुंडा ने डायन-बिसाही होने के आरोप में की थी. घर से भूत भगाने के एवज में भगत ने छह बकरी, 15 मुर्गा, एक सूअर, बत्तख और 35 हजार रुपये मांगे थे.
घटना से एक सप्ताह पहले हमारे परिवार को नौ माह के लिए गांव से बाहर रहने के लिए कहा गया था. लेकिन भगत के आश्वासन के बावजूद गांव वालों का कहना था कि हमारे घर में भूत- प्रेत है और वह गया नहीं है. इसी बीच हिंदु मुंडा के बेटे की हत्या हो गयी और आरोपियों ने मेरे माता-पिता की डायन बिसाही के आरोप में हत्या कर दी.
मुझे धमकी देकर जबरन शव को दफन करवाने ले गये. मैं जान बचाने के लिए उनके साथ चला गया था. उल्लेखनीय है कि डायन-बिसाही के आरोप में दंपती की हत्या को लेकर नामकुम थाना में 10 मई को केस दर्ज हुआ था.
इस हत्याकांड में हिंदु मुंडा सहित 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इसी दिन पुलिस ने गांव से दूर जंगल से दोनों का शव भी बरामद किया था. शव बरामद होने के बाद यह बात सामने आयी थी कि अखड़ा में आरोपियों ने दोनों की हत्या दो मई की रात कर दी थी. पुलिस इस केस में मुख्य आरोपी हिंदु मुंडा को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. हालांकि मामले में ग्रामीणों का कहना है कि उसने गांव वालों और अन्य आरोपियों की मरजी से पुलिस के सामने सरेंडर किया था.
इनके खिलाफ दर्ज की गयी है प्राथमिकी
आनंद मुंडा, हिंदु मुंडा, सनिका मुंडा, लुगा मुंडा, सागर मुंडा, सागर मुंडा, लोहरा सिंह मुंडा, डिंबा मुंडा, राहडी मुंडा, मंगरा मुंडा, मोंगोल मुंडा व हर सिंह मुंडा. ये सभी आरोपी नामकुम थाना क्षेत्र के सुकरीडीह के रहनेवाले हैं.
आरोपी हैं फरार इसलिए नहीं हो रही गिरफ्तारी
डायन- बिसाही के मुख्य आरोपी हिंदु मुंडा को गिरफ्तार कर जेल भेज जा चुका है. अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है. बहरहाल सभी आरोपी गांव छोड़ कर फरार हैं. इसलिए पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पा रही है. इलाका संवेनशील होने के कारण पुलिस स्थानीय रूप से वहां कैंप नहीं करती है. बीच- बीच में पुलिस वहां जाती है.
सौमित्र पंकज कुमार, थाना प्रभारी, नामकुम

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