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रांची : रिम्स का हाल, बच्ची के शव के लिए नहीं मिली ट्रॉली, कंधे पर उठा कर ले जाने लगे, गार्ड ने रोका, परिजन ने किया हंगामा
कर्मचारियों और गार्ड की लापरवाही से फिर हुई किरकिरी रांची : गढ़वा जिले के मझियांव निवासी योगेंद्र की 10 वर्षीय बच्ची जासमीन कुमारी बीमार थी. परिजन ने बुधवार सुबह पांच बजे उसे रिम्स के शिशु वार्ड में डॉ एके वर्मा की देखरेख में भर्ती कराया था. इलाज के दौरान गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गयी. […]
कर्मचारियों और गार्ड की लापरवाही से फिर हुई किरकिरी
रांची : गढ़वा जिले के मझियांव निवासी योगेंद्र की 10 वर्षीय बच्ची जासमीन कुमारी बीमार थी. परिजन ने बुधवार सुबह पांच बजे उसे रिम्स के शिशु वार्ड में डॉ एके वर्मा की देखरेख में भर्ती कराया था. इलाज के दौरान गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गयी.
परिजन ने बताया कि बच्ची का शव अस्पताल से बाहर ले जाने के लिए वे काफी देर तक अस्पताल के गार्ड और अन्य कर्मचारियों से ट्रॉली की मांग करते रहे, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की. थक-हार कर बच्ची का एक रिश्तेदार भागीरथी तीसरी मंजिल से शव को कंधे पर लेकर नीचे उतरा. लेकिन, अस्पताल के मुख्य द्वार पर तैनात गार्ड ने मीडिया के डर से उन्हें शव को बाहर ले जाने से रोक दिया. इसके बाद परिजन ने हंगामा शुरू कर दिया.
ट्रॉली की पेशकश की गार्ड ने, परिजन ने ठुकरा दिया
बच्ची के परिजन ने बताया कि जब वे ट्राॅली की मांग कर रहे थे, तो किसी ने उनकी मदद नहीं की. बाद में जब वे बच्ची के शव को कंधे पर लाद कर शव को बाहर ले जाने लगे, तो गार्ड ने उन्हें रोक दिया.
गार्ड को डर था कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल से शव को कंधे पर बाहर लेकर जानेवाली बात मीिडया ने सार्वजनिक कर दी, तो अस्पताल प्रशासन की किरकिरी हो जायेगी. शव को अस्पताल के मुख्य द्वार के पास लिटा कर परिजन ने करीब घंटे भर हंगामा किया. सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया.
दहाड़े मार कर रो रहे रहे थे बच्ची के माता-पिता
बच्ची के पिता योगेंद्र कुमार ने शिशु रोग विभाग के डॉ एके अमर इलाज में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया है. वह बच्ची का शव के पास दहाड़े मार कर रो रहा था और लगातार स्वास्थ्य मंत्री या रिम्स प्रबंधन को बुलाने की मांग कर रहा था. इधर, बच्ची की मां का भी रो-रो कर बुरा हाल था. वह बार-बार बेहोश हो जा रही थी.
‘जिंदगी मिलेगी दोबारा’ ने की परिजन की मदद
शवों को ससम्मान उनके घरों तक पहुंचाने का संकल्प लेकर रिम्स में सेवा दे रही ‘जिंदगी मिलेगी दोबारा’ संस्था ने एक बार फिर मिसाल पेश की है. रिम्स में गुरुवार को इलाज के दौरान मृत बच्ची का शव गढ़वा जिले के मझियांव स्थित उसके घर तक पहुंचाया.
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अश्वनी राजगढ़िया ने बताया कि नियमानुसार शव वाहन केवल 100 किलोमीटर के दायरे में ही शवों को उनके घर तक पहुंचाते हैं. लेकिन, इस मामले में परिजन की आर्थिक स्थिति देखते हुए नियम से परे जाकर संस्थान ने 275 किमी दूर जाकर बच्ची का शव उसके घर तक पहुंचाया है. वहीं, इस कार्य के लिए बच्ची के परिजन संस्था के सदस्यों को दुआएं दे रहे थे.
बच्ची काफी गंभीर हालत में गढ़वा सदर अस्पताल से रेफर होकर आयी थी. उसकी हालत काफी नाजुक थी. इसकी जानकारी पिता को भी दे दी गयी थी.
डॉ एके वर्मा, शिशु रोग विभाग, रिम्स
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