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झारखंड : रेणु गोपीनाथ ने गलत तरीके से दिया था “80 लाख अग्रिम, जानें पूरा मामला
रांची : मुख्यमंत्री लघु कुटीर उद्योग की पूर्व सीइओ रेणु गोपीनाथ पेन्निकर ने स्टार्टअप किट के सप्लायर को गलत तरीके से 80 लाख रुपये अग्रिम दिया. 10 हजार स्वयं सहायता समूहों के बीच मार्च 2018 तक किट का वितरण किये जाने का लक्ष्य था, पर सप्लायर ने अब तक एक भी किट की आपूर्ति नहीं […]
रांची : मुख्यमंत्री लघु कुटीर उद्योग की पूर्व सीइओ रेणु गोपीनाथ पेन्निकर ने स्टार्टअप किट के सप्लायर को गलत तरीके से 80 लाख रुपये अग्रिम दिया. 10 हजार स्वयं सहायता समूहों के बीच मार्च 2018 तक किट का वितरण किये जाने का लक्ष्य था, पर सप्लायर ने अब तक एक भी किट की आपूर्ति नहीं की है.
झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमेशन सोसाइटी(जेएसपीएल) ने स्वयं सहायता समूह(एसएचजी) को सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्टार्टअप किट देने की योजना बनायी थी. इसके लिए पहले झारक्राफ्टर से संपर्क किया. हालांकि झारक्राफ्ट ने यह कहते हुए इस काम के लेने से इंकार कर दिया कि वह किट से संबंधित सामग्रियों का निर्माण नहीं करता है. झारक्राफ्टर की तत्कालीन सीइओ, लघु कुटी उद्योग की भी सीइओ थी.
इसलिए उन्होंने यह काम लघु कुटीर उद्योग के देने को कहा. जेएसपीएल की सहमति के बाद कुटीर उद्योग ने स्टार्टअप किट की आपूर्ति के लिए टेंडर प्रकाशित किया. पर टेंडर के लिए स्थापित सरकारी नियमों का पूरी तरह पालन नहीं किया और 27 करोड़ की लागत पर सप्लाइ का काम रनोट इंटरप्राइजेज और मरून इंटरप्राइजेज को दे दिया. इसके लिए यह तर्क भी पेश किया कि कुटीर उद्योग का काम स्थानीय कुटीर उद्योगों के बढ़ाना देना है.
सप्लाइ ऑर्डर देने के बाद रेणु गोपीनाथ ने जेएसपीएल से अग्रिम की मांग की. जेएसपीएल से 80 लाख रुपये मिलते ही, उसे सप्लायरों को बतौर अग्रिम दे दिया. पर सप्लायर ने अब तक एक भी किट का सप्लाइ नहीं किया.
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