नगर निकाय चुनाव में मिली हार ने सोचने पर किया मजबूर
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भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्ष को होना होगा एक
नगर निकाय चुनाव में मिली हार ने सोचने पर किया मजबूर निकाय चुनाव निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों ने बहुत बड़े अंतर से जीत हासिल की है यह स्थिति कमोबेश सभी नगर निकायों की है रांची : झारखंड में हुए नगर निकाय चुनाव ने यह साफ कर दिया है कि विपक्ष अलग-अलग रह कर भाजपा […]
निकाय चुनाव
निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों ने बहुत बड़े अंतर से जीत हासिल की है
यह स्थिति कमोबेश सभी नगर निकायों की है
रांची : झारखंड में हुए नगर निकाय चुनाव ने यह साफ कर दिया है कि विपक्ष अलग-अलग रह कर भाजपा से मुकाबला नहीं कर सकता. चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को मिली जीत से साफ हो गया है कि विपक्ष के पास अब एकता ही अंतिम हथियार है. विपक्षी एकता ही वोटों का बिखराव रोक कर भाजपा को टक्कर दे सकती है. विपक्षी दलों को भाजपा के सामने खड़े होने के लिए आपसी मतभेद खत्म कर एक साथ लड़ना होगा.
उल्लेखनीय है कि निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों ने बहुत बड़े अंतर से जीत हासिल की है. पूरे राज्य में रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने भाजपा प्रत्याशियों में सबसे अधिक 39616 वोटों से चुनाव में जीत हासिल की है. उनको कुल 149623 वोट मिले. चुनाव में दूसरे नंबर पर आनेवाली झामुमो की वर्षा गाड़ी को 110007 वोट मिले. झाममो को मिले वोट में कांग्रेस प्रत्याशी अजय तिर्की और झाविमो प्रत्याशी शिव कुमार कच्छप को मिले वोट को मिला दें, तो विपक्ष के वोटों का आंकड़ा 1.5 लाख पार हो जाता है. इसी तरह रांची नगर निगम के ही डिप्टी मेयर प्रत्याशी संजीव विजयवर्गीय 97281 वोट लाकर चुनाव जीते.
दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के राजेश गुप्ता छोटू को 64161 और तीसरे नंबर पर रहे झामुमो के अशरफ खान को 51143 वोट मिले. इसमें झाविमो प्रत्याशी उत्तम यादव के वोट भी जोड़ दिये जायें, तो विपक्ष को मिले वोट का आंकड़ा सवा लाख पार कर जाता है, जो काफी बड़ा अंतर है. यह स्थिति कमोबेश सभी नगर निकायों की है. निकाय चुनाव में विपक्ष को मिले वोट स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि भाजपा की खिलाफत करते हुए जीत हासिल करने के लिए विपक्ष का एकजुट होना बहुत जरूरी है.
काफी सुधरा है राज्य में कांग्रेस का प्रदर्शन
हालांकि स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि कांग्रेस ने नगर निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है. विधानसभा चुनावों के मुकाबले कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है. कांग्रेस के 26 प्रत्याशी विभिन्न निकायों के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे हैं. निकाय की पांच सीटों पर भी कांग्रेस के अध्यक्ष और चार पर उपाध्यक्ष प्रत्याशियों ने विजयी पताका फहराया है. पार्टी के बड़े नेता प्रदर्शन से उत्साहित भी हैं. साथ ही मान रहे हैं कि विपक्षी पार्टियों के साथ मिल कर चुनाव लड़ने पर परिणाम कुछ और हो सकता था. कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह कहते हैं कि यह पहले से ही तय है कि विपक्ष विधानसभा चुनाव में एक होकर लड़ेगी. निकाय चुनाव के परिणाम ने एकता की धारणा को पुख्ता किया है.
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