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हड़ताल वापस, पर टूटी यूनियनों की एकता

प्रबंधन ने जारी की हड़ताल खत्म होने की घोषणा रांची : कोल इंडिया में मजदूरों के हितों की लड़ाई लड़ने का दावा करनेवाली यूनियनों की एकता हर बार की तरह फिर टूट गयी. शुक्रवार की देर रात तक कोयला सचिव के साथ मजदूर यूनियनों और कोल इंडिया प्रबंधन की वार्ता हुई. वार्ता के बाद भारतीय […]

प्रबंधन ने जारी की हड़ताल खत्म होने की घोषणा

रांची : कोल इंडिया में मजदूरों के हितों की लड़ाई लड़ने का दावा करनेवाली यूनियनों की एकता हर बार की तरह फिर टूट गयी. शुक्रवार की देर रात तक कोयला सचिव के साथ मजदूर यूनियनों और कोल इंडिया प्रबंधन की वार्ता हुई. वार्ता के बाद भारतीय मजदूर संघ और हिंद मजदूर सभा ने आश्वासन पर सहमति जताते हुए आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर दी. एटक ने भी सरकार के आश्वासन पर नैतिक रूप से अपनी सहमति जता दी, लेकिन हड़ताल से वापस होने के मिनट्स पर हस्ताक्षर नहीं किया.
वहीं सीटू ने सरकार की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने हड़ताल वापस लेने से इनकार कर दिया. इंटक ने भी आंदोलन में शामिल होने की घोषणा की थी. उसने भी 14 अप्रैल को हड़ताल वापस लेने की घोषणा कर दी है. भारत सरकार कोयला खनन क्षेत्र में निजी कंपनियों को व्यावसायिक दृष्टिकोण से खनन की अनुमति देना चाहता है. इसके लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट ने अनुशंसा भी की है. यूनियन इसी का विरोध कर रहे हैं. इधर, प्रबंधन ने अपनी ओर से एक पत्र जारी कर यूनियनों की ओर से हड़ताल नहीं करने की नोटिस जारी कर दी है.
यह सरकार बहुत बलवान है. हमारी बात मानेगी नहीं.
हम लोगों ने रास्ता निकालने का प्रयास किया है. कॉमर्शियल माइनिंग पर त्रिपक्षीय कमेटी बनी है. कमेटी में मजदूर यूनियन, कोल इंडिया प्रबंधन और कोयला मंत्रालय के प्रतिनिधि होंगे. कमेटी कॉमर्शियल माइनिंग से होनेवाले नफा-नुकसान का आकलन करेगी. तब तक सरकार कॉमर्शियल माइनिंग की अनुमति नहीं देगी. वैसे कोयला मंत्रालय का कहना है कि अगर कोल इंडिया हमारी कोयला की जरूरत पूरी कर देगी, तो हम ऐसा नहीं करेंगे. आज हमारे 50 पावर प्लांट के पास कोयला नहीं है. लोगों की ऊर्जा जरूरत पूरी करने के लिए कॉमर्शियल माइनिंग जरूरी है.
नाथूलाल पांडेय, एचएमएस, अध्यक्ष
अभी हड़ताल वापस ली गयी है. हमारी मांगों पर सरकार की सहमति हो गयी है. इसके बावजूद यूनियन प्रोटेस्ट दिवस मनायेगी. बीएमएस के साथी आपस में बैठकर आगे का रास्ता खोजेंगे. इसके बाद सभी यूनियनों के साथ बैठेंगे.
बिंदेश्वरी प्रसाद, बीएमएस, जेबीसीसीआइ सदस्य
दो यूनियन ने हड़ताल वापस लेनेवाले पेपर पर हस्ताक्षर कर दिया है. कम से कम यह लिखित आश्वासन मिलना चाहिए था कि जब तक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आ जाती है, कॉमर्शियल माइनिंग नहीं होगी. अब सीटू अकेले पड़ गया है. ऐसी स्थिति में हड़ताल संभव नहीं है. चूंकि यूनियनों की एकता भी बरकार रखनी है, तो आगे मिल-बैठ कर कुछ रास्ता निकालने का प्रयास करेंगे.
डीडी रामानंदन, सीटू , जेबीसीसीआइ सदस्य
आंदोलन की दो साथी यूनियन बाहर हो गयी़ देर रात हम लोगों ने बैठक कर तय किया कि आंदोलन करना अभी ठीक नहीं होगा. इस कारण फिलहाल आंदोलन स्थगित किया गया है. अब तीनों यूनियन (एचएमएस-बीएमएस को छोड़कर) बैठेगी. इसमें आगे की रणनीति तय होगी.
लखनलाल महतो, एटक, जेबीसीसीआइ सदस्य
पूर्व में चार यूनियनों की ओर से एक दिन की हड़ताल का नोटिस दिया गया था. पांच अप्रैल को इंटक भी इसमें शामिल हो गया था. कोयला मंत्री ने वार्ता के लिए चार यूनियनों को ही बुलाया. कोयला सचिव की 13 अप्रैल को हुई वार्ता में केवल इन्हीं यूनियनों को बुलाया गया. बैठक में नहीं बुलाये जाने का इंटक निंदा करता है. बैठक के बाद एचएमएस और बीएमएस ने आंदोलन वापस ले लिया. मिनट्स पर एटक और सीटू ने हस्ताक्षर नहीं किया. इस मामले पर इंटक भी हड़ताल वापस ले रहा है. इंटक हमेशा कॉमर्शियल माइनिंग का विरोध करता रहेगा.
एसक्यू जमा, महासचिव, राष्ट्रीय खान मजदूर संघ, इंटक

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