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झारखंड : मॉरीशस विवि के प्रोफेसर एवं मृदा वैज्ञानिक बीएयू पहुंचे, बनी सहमति

क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर पर शोध करने की इच्छा जतायी रांची : मॉरीशस के कृषि वैज्ञानिक बिरसा कृषि विवि में शोध क्षेत्र व सांस्थिक क्षेत्र में सहयोग करेंगे. सोमवार को कृषि संकाय, यूनिवर्सिटी ऑफ मॉरीशस के प्रोफेसर एवं मृदा वैज्ञानिक तथा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कृषि संस्थानों से जुड़े प्रो भानुदर्थ लालजी बीएयू पहुंचे अौर विवि का भ्रमण […]

क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर पर शोध करने की इच्छा जतायी
रांची : मॉरीशस के कृषि वैज्ञानिक बिरसा कृषि विवि में शोध क्षेत्र व सांस्थिक क्षेत्र में सहयोग करेंगे. सोमवार को कृषि संकाय, यूनिवर्सिटी ऑफ मॉरीशस के प्रोफेसर एवं मृदा वैज्ञानिक तथा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कृषि संस्थानों से जुड़े प्रो भानुदर्थ लालजी बीएयू पहुंचे अौर विवि का भ्रमण किया. इस अवसर पर बीएयू के प्रबंध पर्षद कक्ष में कुलपति एवं बीएयू वैज्ञानिकों के साथ बैठक भी की. बैठक में प्रो लालजी ने बीएयू के साथ मिलकर क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर पर शोध कार्य करने की इच्छा जतायी.
उन्होंने बीएयू को बाह्य परीक्षक के एक्सपर्ट का पैनल तैयार कर देने को कहा, ताकि इनका लाभ मॉरीशस विवि के कृषि संकाय के छात्रों को मिले. प्रो लालजी ने कृषि क्षेत्र में जैव विविधता सुरक्षा पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में उत्पादन के लिए रणनीति योजना बनाने की आवश्यकता है.
कम लागत में अधिक से अधिक फसलों के उत्पादन से ही कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाया जा सकता है. सभी फसलों की खेती की अपेक्षा क्षेत्र विशेष के लिए अनुकूल एवं लाभकारी फसलों की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है.
बैठक में बीएयू के कुलपति डॉ पी कौशल ने कहा कि बीएयू समान हित के अंतरराष्ट्रीय सांस्थिक सहयोग के लिए दृढ़ संकल्प है. जिसके अंतर्गत एक देश के वैज्ञानिक एवं छात्र नये ज्ञान के लिए दूसरे देशों में भेजे जा सकेंगे. उन्होंने शिक्षा एवं शोध में विशेष ध्यान देने योग्य क्षेत्रों को चिह्नित करते हुए शोध कार्य की परियोजना में मॉरीशस विवि के साथ सांस्थिक सहयोग के लिए एमओयू करने की इच्छा जतायी.
डॉ कौशल ने कहा कि झारखंड में टिकाऊ कृषि प्रणाली एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में शोध कार्य के अनगिनत अवसर हैं. इस क्षेत्र में नयी परियोजनाओं के माध्यम से शोध किये जाने की जरूरत है.
अनुसंधान निदेशक डॉ डीएन सिंह ने टिकाऊ खेती के लिए उर्वरकों का प्रबंधन, कृषि डीन डॉ राघव ठाकुर ने फसलों में जल का प्रबंधन, डॉ एमएस यादव ने फसल प्रबंधन, डॉ बीके अग्रवाल ने मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन आदि विषयों पर अपने विचार रखे. बैठक में डॉ एसके पाल, डॉ रमेश कुमार, डॉ कृष्णा प्रसाद, डॉ अरविंद कुमार, डॉ आशा सिन्हा, डॉ एसबी कुमार एवं डॉ एनसी गुप्ता भी उपस्थित थे.

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