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667.63 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी

रांची : चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के अंतिम दिन 31 मार्च को रांची के कोषागारों से 667,63,65,406 रुपये से अधिक की निकासी हो चुकी थी. यह आंकड़ा रात आठ बजे तक का है. समाचार लिखे जाने तक निकासी की प्रक्रिया चल रही थी. कोषागारों के साथ-साथ बैंक में भी भीड़ रही. रात के आठ बजे […]

रांची : चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के अंतिम दिन 31 मार्च को रांची के कोषागारों से 667,63,65,406 रुपये से अधिक की निकासी हो चुकी थी. यह आंकड़ा रात आठ बजे तक का है. समाचार लिखे जाने तक निकासी की प्रक्रिया चल रही थी.

कोषागारों के साथ-साथ बैंक में भी भीड़ रही. रात के आठ बजे तक रांची जिला कोषागार से 12,94,84,143 रुपये, डोरंडा कोषागार से 2,11,63,28491 रुपये व प्रोजेक्ट भवन कोषागार से 4,43,05,52772 करोड़ रुपये की निकासी कर ली गयी थी. सबसे अधिक प्रोजेक्ट भवन कोषागार से राशि की निकासी हुई. उपायुक्त राय महिमापत रे ने बताया कि पूर्व में दिये गये निर्देशों के अनुसार विभिन्न कार्यालयों द्वारा राशि की निकासी पहले ही कर ली गयी थी.
इसलिए कोषागार में आज अफरा-तफरी की स्थिति नहीं थी. सामान्य तरीके से कामकाज हुआ. उधर, कोषागारों में उपायुक्त श्री रे द्वारा तय समय के अनुसार दिन के 12 बजे तक विपत्र जमा लिया गया. कोषागार खुलते ही विपत्र जमा करनेवाले कर्मचारियों की भीड़ लग गयी. निर्धारित समय तक विपत्र जमा लिया गया. वहीं, विशेष परिस्थिति में कुछ विपत्र बाद में भी जमा लिया गया.
उपायुक्त ने लिया कोषागारों का जायजा : उपायुक्त राय महिमापत रे ने दिन मे करीब एक बजे रांची समाहरणालय बिल्डिंग स्थित जिला कोषागार का आैचक निरीक्षण किया. उस वक्त विपत्र पास कराने को लेकर कर्मचारियों की भीड़ लगी हुई थी. उपायुक्त के आते ही भीड़ छंटने लगी. उन्होंने कोषागार में जाकर कर्मचारियों से विपत्रों की जानकारी ली. कर्मचारियों की भीड़ न लगे,
इसके लिए प्रवेश द्वार के पास टेबल-कुर्सी लगाकर बैठने का निर्देश दिया. साथ ही विपत्रों को समय-सीमा के अंदर पारित करने का निर्देश दिया. उनके साथ जिला कोषागार पदाधिकारी मनोज कुमार भी मौजूद थे.
क्या रही स्थिति : मार्च के अंतिम दिन 31 मार्च शनिवार को रांची कोषागार में विपत्र पारित कराने के लिए खूब भीड़ रही. राशि निकासी का अंतिम दिन होने की वजह से सुबह 10 बजे से कर्मचारियों का अाना शुरू हो गया. कई कर्मचारी अपने-अपने विपत्रों को जमा कर बिल पास होने के इंतजार में कोषागार के बाहर बैठे रहे. विपत्र पारित होने के बाद एसबीआइ में निकासी के लिए इंतजार करते रहे. देर रात तक ट्रेजरी में कर्मचारी जमे रहे. यहां तक की महिला कर्मचारी भी कार्यालय में मौजूद रहीं.
देर रात तक खुले रहे बैंक
वित्तीय वर्ष 2017-18 के अंतिम दिन राजधानी के अधिकतर बैंकों में देर रात तक काम होता रहा.खाता धारकों और अन्य व्यापारिक संगठनों के खातों की क्लोजिंग बैंकों में की गयी. इसको लेकर देर रात तक स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, केनरा बैंक, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, एचडीएफसी, आइसीआइसीआइ,
एक्सिस, इंडस इंड बैंक समेत अन्य राष्ट्रीयकृत, निजी और सहकारी बैंकों में कामकाज होता रहा. सरकार से जुड़े कोषागार में भी देर तक ट्रेजरी बिल पास किये गये.

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