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रांची : सूबे से कुपोषण को मिटाने के लिए नहीं है खजाने की चिंता : मुख्यमंत्री

रेडी टू इट योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में कुपोषण बड़ी समस्या है. कुपोषण मिटाने के लिए सरकार को खजाने की चिंता नहीं है. आनेवाली पीढ़ी स्वस्थ होगी, तभी हमारा राज्य समृद्ध होगा. डीआरडीओ के डिफेंस फूड रिसर्च लैब और सीएफटीआरआइ के अधिकारियों […]

रेडी टू इट योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में कुपोषण बड़ी समस्या है. कुपोषण मिटाने के लिए सरकार को खजाने की चिंता नहीं है. आनेवाली पीढ़ी स्वस्थ होगी, तभी हमारा राज्य समृद्ध होगा.
डीआरडीओ के डिफेंस फूड रिसर्च लैब और सीएफटीआरआइ के अधिकारियों के साथ रेडी टू इट योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा : सखी मंडल के लिए मशीन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाये. उनके माध्यम से आंगनबाड़ी में बच्चों और गरीब महिलाओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाना है.
आहार की गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए. बच्चों व महिलाओं को संपूर्ण आहार मिलना मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड सुनिश्चित करेगा. हर दो जिले में एक मशीन आहार तैयार करेंगी. महिलाएं इनकी ट्रांसपोर्टिंग कर आंगनबाड़ी तक पहुंचायेंगी. इनके लिए मुद्रा लोन या स्टैंडअप इंडिया के माध्यम से लोन की सुविधा दी जायेगी. राज्य से कुपोषण और रोजगार की समस्या का समाधान भी हो सकेगा.
गुजरात, महाराष्ट्र से आगे होंगे
धनबाद़ वर्ष 2022 तक झारखंड गुजरात और महाराष्ट्र से भी आगे होगा. राज्य मेडिकल टूरिज्म में हब बनेगा.सीएम ने कहा कि 67 वर्ष में पूर्व की सरकारों ने मात्र तीन मेडिकल कॉलेज ही इस क्षेत्र में खोल पाये थे, हमने तीन वर्ष में ही तीन नये मेडिकल कॉलेज (हजारीबाग, पलामू व दुमका) खोले हैं. इस मेडिकल कॉलेज में इसी सत्र से 300 सीटों पर मेडिकल की पढ़ाई भी शुरू हो रही है.
महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ें
सीएम ने कहा कि आयरन, प्रोटीन और वसा की कमी कुपोषण का कारण है. आहार में इन तत्वों की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. बच्चों की रुचि बरकरार रखने के लिए सप्ताह में सात दिन अलग-अलग आहार होना चाहिए. बच्चों के लिए प्रोटीन से भरपूर चॉकलेट तैयार कराना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में बड़ी संख्या में वनोपज हैं.
टमाटर, इमली, मटर जैसे उत्पाद खूब हैं. डीएफआरएल द्वारा तैयार मशीनें सखी मंडलों को उपलब्ध करा कर महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जायेगा. महिलाएं छोटी-छोटी इकाइयां बना टमाटर कैचअप, जैम आदि तैयार कर स्थानीय बाजार में बेच सकेंगी. इसके लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की जरूरत नहीं होगी. इससे स्वदेशी को भी बढ़ावा मिलेगा. और झारखंड का पैसा बाहर नहीं जायेगा.
बच्चों को संस्कार देना भी जिम्मेवारी
मुख्यमंत्री ने डीएफआरएल और सीएफटीआरआइ को राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक कर 10 दिनों में खाका तैयार करने का निर्देश दिया. कहा कि किसी भी हाल में अप्रैल से जमीन पर काम शुरू कर दें. उन्होंने आंगनबाड़ी सेविकाओं को मां की भूमिका में रहने की जरूरत बतायी.
कहा कि बच्चों को अच्छा संस्कार देना भी आंगनबाड़ी सेविकाओं की जिम्मेवारी है. बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, उद्योग सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, समाज कल्याण सचिव विनय चौबे, पोषण मिशन के महानिदेशक डीके सक्सेना, डीएफआरएल के निदेशक डॉ राकेश कुमार शर्मा, वैज्ञानिक डॉ केआर अनिल कुमार समेत अन्य उपस्थित थे.

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