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20 वर्षों बाद हुआ प्रयोगशाला सहायक के वेतनमान में सुधार
रांची: राज्य के 57 प्लस टू उच्च विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के तहत कार्यरत प्रयोगशाला सहायक के वेतन निर्धारण में हुई गड़बड़ी में 20 वर्षों बाद सुधार किया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है. निदेशालय ने प्रयोगशाला सहायक के वेतन को लेकर वित्त विभाग से परामर्श लिया […]
रांची: राज्य के 57 प्लस टू उच्च विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के तहत कार्यरत प्रयोगशाला सहायक के वेतन निर्धारण में हुई गड़बड़ी में 20 वर्षों बाद सुधार किया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है. निदेशालय ने प्रयोगशाला सहायक के वेतन को लेकर वित्त विभाग से परामर्श लिया था. वित्त विभाग के परामर्श के बाद इस संबंध में निदेशालय ने दिशा-निर्देश जारी किया है.
वित्त विभाग ने अपने परामर्श में कहा है कि विज्ञान स्नातक के साथ डिप्लोमा/सर्टिफिकेट योग्यताधारी प्रयोगशाला सहायकों को एक जनवरी 1996 से 4500 से 7000 का वेतनमान अनुमान्य है, जबकि प्रयोगशाला सहायक को 5000-8000 का वेतनमान दिया जा रहा था. वित्त का निर्देश है कि वेतनमान 5000-8000 तभी देय होगा, जब इनकी नियुक्ति बीएससी एंड डिप्लोमा इन लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी की योग्यता के आधार पर हुई हो.
राज्य में प्रयोगशाला सहायक की नियुक्ति इंटर योग्यता के आधार पर हुई है. राज्य में 57 प्लस टू उच्च विद्यालय में 82 प्रयोगशाला सहायक कार्यरत हैं.
वेतन निर्धारण में गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई नहीं : स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने प्रयोगशाला सहायक के वेतन निर्धारण में सुधार का पत्र तो जारी कर दिया, पर गलत वेतन निर्धारण करने वाले पदाधिकारी को चिह्नित नहीं किया है. इसके लिए दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.
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