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रांची : 3000 करोड़ का काम इंजीनियर पड़ रहे कम

पीएमजीएसवाइ फिर मिल रहा है 1500 करोड़ से अधिक का काम काम कराना होगा मुश्किल मैनपावर नहीं बढ़ा, तो फंसेंगी योजनाएं मनोज लाल रांची : राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की करीब 3000 करोड़ की योजनाएं चल रही हैं. इसके तहत करीब 2000 सड़कों पर काम चल रहा है. लेकिन स्थिति यह है कि […]

पीएमजीएसवाइ फिर मिल रहा है 1500 करोड़ से अधिक का काम
काम कराना होगा मुश्किल मैनपावर नहीं बढ़ा, तो फंसेंगी योजनाएं
मनोज लाल
रांची : राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की करीब 3000 करोड़ की योजनाएं चल रही हैं. इसके तहत करीब 2000 सड़कों पर काम चल रहा है. लेकिन स्थिति यह है कि इतने बड़े काम के लिए विभाग में इंजीनियरों की संख्या पर्याप्त नहीं है. यानी काम के लिए इंजीनियर कम पड़ रहे हैं.
इस बीच फिर केंद्र से 1500 करोड़ रुपये से अधिक के काम मिलने जा रहे हैं. जबकि पहले से ही काम कराना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में मैन पावर नहीं बढ़ाया गया, तो योजनाएं फंसेंगी. दूसरी एजेंसी से काम कराने का प्रयास किया गया है, लेकिन इससे भी कार्य का बोझ कम नहीं हो रहा है.
विभाग ने कार्य के अत्यधिक बोझ से इंजीनियरों को राहत दिलाने का प्रयास किया है. इसके लिए पीएमजीएसवाइ का कुछ काम विशेष प्रक्षेत्र को भी दिया गया है. विशेष प्रक्षेत्र के इंजीनियरों के माध्यम से भी काम कराया जा रहा है, लेकिन इस प्रक्षेत्र को कहीं-कहीं पर काम दिया गया है. विशेष प्रक्षेत्र के जिम्मे मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना है. इसके माध्यम से ग्रामीण पुलों का निर्माण कराया जाता है.
इन पर राज्य योजना की भी है जिम्मेदारी
इन इंजीनियरों पर केवल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि ये राज्य संपोषित योजनाअों यानी राज्य की ग्रामीण सड़क योजनाअों का काम भी देख रहे हैं. राज्य में बड़ी संख्या में राज्य संपोषित योजनाअों का काम चल रहा है. ऐसे में डिवीजन में इंजीनियर कभी राज्य संपोषित तो कभी पीएमजीएसवाइ योजनाअों का काम देखते हैं. दोहरा काम होने की वजह से वे दौड़ते रहते हैं.
103 हैं संविदा वाले
इनमें से 103 इंजीनियर तो संविदा के आधार पर नियुक्त हैं. उन्हें चार साल पहले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का काम देखने के लिए नियुक्त किया गया था. 26 सहायक अभियंता व 77 कनीय अभियंता को संविदा पर रखा गया था.

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