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दो योजनाओं से एक ही काम की स्वीकृति देनेवाले इइ पर कार्रवाई

मामला हजारीबाग के कटकमसांडी में तालाब जीर्णोद्धार, छठ घाट व गार्डवाल निर्माण का समय रहते मामला पकड़ में आ गया था, नहीं तो हड़प ली जाती एक योजना की पूरी राशि कार्यपालक अभियंता अब सेवानिवृत्त हो गये हैं, उनकी पेंशन से राशि काटी जायेगी रांची : हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड के कस्तूरीखाप गांव में एक […]

मामला हजारीबाग के कटकमसांडी में तालाब जीर्णोद्धार, छठ घाट व गार्डवाल निर्माण का
समय रहते मामला पकड़ में आ गया था, नहीं तो हड़प ली जाती एक योजना की पूरी राशि
कार्यपालक अभियंता अब सेवानिवृत्त हो गये हैं, उनकी पेंशन से राशि काटी जायेगी
रांची : हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड के कस्तूरीखाप गांव में एक ही काम को दो अलग-अलग योजनाअों से स्वीकृति दे दी गयी थी. दोनों योजनाअों से पैसे भी ले लिये गये थे. केवल काम कराना ही शेष था. इस बीच मामला लीक हो गया और तत्काल कार्रवाई करते हुए राशि खर्च करने पर रोक दी गयी थी.
इस मामले में योजना को स्वीकृति देने वाले एनआरइपी के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता (इइ) सरदार प्रदीप सिंह को दोषी माना गया. अब जाकर उन पर कार्रवाई की गयी है.
फिलहाल वे सेवानिवृत्त हो गये हैं. ऐसे में उनकी पेंशन से राशि काटने का आदेश हुआ है. कस्तूरीखाप में वर्ष 2008-09 में सांसद मद से लंबकी तालाब के जीर्णोद्धार, छठ घाट व गार्डवाल निर्माण योजना का प्राक्कलन तैयार कराया गया. इसकी तकनीकी स्वीकृति एनआरइपी के कार्यपालक अभियंता ने दे दी थी. पुन: उसी साल उक्त तालाब के गहरीकरण का प्राक्कलन मनरेगा से कराने के लिए इस्टीमेट तैयार कराया गया. फिर इसकी स्वीकृति कार्यपालक अभियंता ने दे दी.
इस तरह सांसद मद व मनरेगा दोनों से इस योजना का काम कराने की स्वीकृति दी गयी. जांच में भी यह सत्य पाया गया. इसके बाद कार्यपालक अभियंता से जवाब मांगा गया.
इस पर कार्यपालक अभियंता की अोर से कहा गया कि उनकी ऐसी कोई गलत मंशा नहीं थी. राशि खर्च नहीं हुई है. ऐसे में राशि का दुरुपयोग भी नहीं हुआ है. सारे मामलों को देखने के बाद पथ निर्माण विभाग ने उन्हें आंशिक सजा दी है. चूंकि कार्यपालक अभियंता सेवानिवृत्त हो गये हैं. ऐसे में उनकी पेंशन से राशि काटने का आदेश दिया गया है.

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