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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के नौ महीने बाद भी डीएसपी ने नहीं किया सरेंडर

रूपेश स्वांसी हत्याकांड. चार सप्ताह में पवन कुमार को करना था आत्मसमर्पण रांची : बुंडू के रूपेश स्वांसी की पुलिस हिरासत में हुई हत्या के आरोपी निलंबित डीएसपी पवन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के करीब नौ माह बाद भी सरेंडर नहीं किया है. न्यायमूर्ति एस नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की अदालत […]

रूपेश स्वांसी हत्याकांड. चार सप्ताह में पवन कुमार को करना था आत्मसमर्पण

रांची : बुंडू के रूपेश स्वांसी की पुलिस हिरासत में हुई हत्या के आरोपी निलंबित डीएसपी पवन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के करीब नौ माह बाद भी सरेंडर नहीं किया है. न्यायमूर्ति एस नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की अदालत ने 22 मई 2017 को डीएसपी पवन कुमार को चार सप्ताह में सरेंडर करने का आदेश दिया था. झारखंड हाइकोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद पवन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने एसएलपी को खारिज कर दिया था. साथ ही पवन कुमार को सक्षम अदालत में सरेंडर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि याचिकाकर्ता सरेंडर करने के बाद सक्षम अदालत में रेगुलर जमानत याचिका दायर कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सक्षम अदालत को भी निर्देश दिया था कि पवन कुमार की ओर से जमानत याचिका दायर किये जाने के एक सप्ताह के अंदर कानून के दायरे में तथ्यों को देखते हुए उसका निबटारा कर दे. पर डीएसपी पवन कुमार ने नौ माह गुजर जाने के बाद भी सरेंडर नहीं किया है.
22 मई को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी पवन कुमार की याचिका
सक्षम न्यायालय में सरेंडर करने का दिया था आदेश
पुलिस मुख्यालय में बनाते हैं हाजिरी
डीएसपी पवन कुमार निलंबित किये जाने के बाद से पुलिस मुख्यालय के आरओ सेक्शन में कभी-कभी जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. इसकी पुष्टि मुख्यालय के सार्जेंट मेजर अभिनव कुमार ने भी की है.
डीएसपी पवन कुमार
ने कहा
कोर्ट के आदेश के बाद सीआइडी को रखा पक्ष, सीआइडी ने छोड़ दिया
इस मामले में आरोपी डीएसपी पवन कुमार ने कहा : सीआइडी मेरा पक्ष नहीं ले रहा था, इसलिए सुप्रीम कोर्ट गये थे. कोर्ट के आदेश के बाद सीआइडी के समक्ष सरेंडर किया. इसके बाद अनुसंधानकर्ता को बताया कि जब रूपेश स्वांसी मेरी कस्टडी में ही नहीं था, तो फिर उसकी मौत का आरोप मुझ पर कैसे लगाया जा रहा है. इसके बाद सीआइडी ने मुझे छोड़ दिया. कोर्ट ने मुझे सरेंडर के बाद रेगुलर जमानत की लिबर्टी दी है. मेरे साथ अन्याय किया गया है. गलत आरोप लगा डेढ़ साल से निलंबित रखा गया है.
दो थानेदार व अंगरक्षक के खिलाफ दायर है चार्जशीट
सीआइडी के मुताबिक दोनों थानेदार और अंगरक्षक के खिलाफ चार्जशीट कर दी गयी है. जबकि डीएसपी पवन कुमार के मामले में विभाग से अभियोजन स्वीकृति मांगी गयी है.
07.07.2016
पुलिस ने पीट-पीट कर
मार डाला था रूपेश को
पुलिस हिरासत में पिटाई के बाद सात जुलाई 2016 को बुंडू निवासी रूपेश स्वांसी की मौत हो गयी थी. घटना की सीआइडी जांच में खुलासा हुआ कि रूपेश स्वांसी की मौत के लिए तत्कालीन बुंडू डीएसपी पवन कुमार, दशम फॉल ओपी के थानेदार पंकज तिवारी, तत्कालीन राहे थानेदार अशोक कुमार और अंगरक्षक रितेश कुमार दोषी हैं.

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