रांची: झारखंड राज्य गठन के बाद पहली बार राज्य में सचिवालय सहायकों की नियुक्ति की गयी. आर्यभट्ट सभागार में राज्यपाल डॉ सैयद अहमद ने झारखंड सचिवालय सेवा के 449 प्रशिक्षु सहायकों को नियुक्ति पत्र सौंपा. सहायकों को नियुक्ति पत्र के साथ ही पदस्थापन भी किया गया. झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने 577 सहायकों की नियुक्ति की अनुशंसा की थी. जिसमें 449 को गुरुवार को पदस्थापित किया गया. शेष अभ्यर्थियों को 31 मई को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है.
सहायकों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने पूरी निष्ठा व समय पर काम करने की सलाह दी. उन्होंने साफ-साफ कहा कि सहायक कामकाज में किसी चीज की आस के कारण काम में अनावश्यक विलंब न करें. उन्होंने कहा कि सहायक जब काम करें तो उनके मन में यह ख्याल रहना चाहिए कि वह भारत माता के बेटे हैं.
उन्होंने कहा कि जो बड़े लोग होते हैं भले ही उनका घर छोटा होता है पर वे बड़े काम करते हैं. स्मगलर जैसे लोगों का घर बड़ा होता है, पर उन्हें कोई भी याद नहीं रखना चाहते. राज्यपाल ने कहा कि जब से वह विभागों को देख रहे हैं, कुछ करने का प्रयास कर रहे हैं. पर अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया जा सका है, जिससे हर तरफ तालियां बजे. इसे और बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है.
सलाहकार मधुकर गुप्ता ने कहा कि डेढ़-दो माह में यह तीसरा मौका है जब नयी बहाली के नियुक्ति पत्र सौंपे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सहायक युवा हैं, कल तक वे खुद आम जनता थे, इसलिए जनता की भावना को बेहतर समझ सकते हैं और बेहतर करने का प्रयास करेंगे.
मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने कहा कि सहायक प्रशासन की पहली कड़ी होती है. यह मजबूत नहीं होगी तो सिस्टम में खराबी आ जायेगी. उन्होंने कहा कि पारदर्शी सरकार देने के लिए छवि भी सुधारनी होगी. राज्यपाल के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने कहा कि शीघ्र ही राज्य सरकार ई-ऑफिस शुरू करने जा रही है. तब बिलकुल पेपरलेस काम होगा. कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव आदित्य स्वरूप ने कहा कि सहायक बेहतर काम करके संयुक्त सचिव तक प्रोन्नति पा सकते हैं. अच्छा काम करने वालों को सरकार फास्ट ट्रैक प्रोन्नति सीमित परीक्षा के माध्यम से देगी.