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विधानसभा के 148 सहायकों को आयोग का नोटिस

रांची : विधानसभा में तत्कालीन स्पीकर आलमगीर आलम के समय में नियुक्त हुए 148 सहायकों पर अवैध नियुक्ति की गाज गिर रही है़ अवैध नियुक्तियों की जांच कर रहे विक्रमादित्य आयोग अपनी कार्रवाई पूरी करने की दिशा में है़ं आयोग ने सभी 148 सहायकों से उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए जवाब मांगा है़ आयोग […]

रांची : विधानसभा में तत्कालीन स्पीकर आलमगीर आलम के समय में नियुक्त हुए 148 सहायकों पर अवैध नियुक्ति की गाज गिर रही है़ अवैध नियुक्तियों की जांच कर रहे विक्रमादित्य आयोग अपनी कार्रवाई पूरी करने की दिशा में है़ं आयोग ने सभी 148 सहायकों से उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए जवाब मांगा है़ आयोग ने माना है कि सहायक के पद पर नियुक्ति में अनियमितता बरती गयी है़ आयोग ने सहायकों को अंतिम मौका देते हुए उनसे उनका पक्ष जानना चाहा है़.

22 दिसंबर तक संबंधित पक्षों को अपना जवाब आयोग के सुपुर्द करना है़ आयोग ने कहा है कि नियुक्तियों में बरती गयी अनियमितता में नियुक्त लोगों की संलिप्तता नजर आती है़ ऐसे में संबंधित व्यक्ति अपना पक्ष रखे़ं इसके साथ ही अायोग ने सहायक से प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नति देने पर भी सवाल उठाया है. नियुक्ति-प्रोन्नति नियमावली में फेरबदल कर 75 लोगों को सहायक से प्रशाखा पदाधिकारी बनाया गया. इसमें 50 प्रतिशत पद पर प्रोन्नति एक लिखित परीक्षा के आधार पर कर दी गयी.

बाकी पदों पर वरीयता के आधार पर प्रोन्नति दी गयी. आयोग ने सवाल उठाया है कि कैसे पहले 20 प्रतिशत पद पर प्रोन्नति की अनुशंसा थी, तो उस अनुपात को कैसे बढ़ाया गया. आयोग इस बात से सहमत नहीं है कि अध्यक्ष अपनी मर्जी से नियमावली में परिवर्तन कर सकते हैं. आयोग का मानना है कि प्रोन्नत हुए लोगों की भी इस मामले में कहीं न कहीं संलिप्तता है़

शशांक शेखर के कार्यकाल में हुई थी प्रोन्नति
तत्कालीन स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता के कार्यकाल में 75 सहायकों को प्रोन्नत कर प्रशाखा पदाधिकारी बनाया गया था़ प्रोन्नति के लिए नियमावली में परिवर्तन किया गया था. विधानसभा सचिवालय ने अपने स्तर से नियमावली बदल कर प्रोन्नति दी थी़. इसमें 50 प्रतिशत पद पर तथाकथित लिखित परीक्षा के आधार पर प्रोन्नति की सूची बनी थी. सहायक की परीक्षा में नीचे रहनेवाले कर्मी भी इस लिखित परीक्षा में पास दिखा कर प्रशाखा पदाधिकारी बना दिये गये थे. उस समय भी प्रोन्नति को लेकर सवाल उठा था़
टाइपिस्ट, रिपोर्टर, अनुसेवक से भी जवाब मांग चुका है आयोग
स्पीकर इंदर सिंह नामधारी और आलमगीर आलम के समय में हुई नियुक्तियां भी जांच के दायरे में है. इन दोनों स्पीकर के कार्यकाल में कई पदों पर बहाली हुई थी. इन सभी पदों में बहाली की जांच आयोग कर रहा है. जांच आयोग ने विधानसभा में नियुक्त अनुसेवक, रिपोर्टर, टाइपिस्ट, चालक, वाहन पर्यवेक्षक सहित दूसरे पदों पर नियुक्त लोगों से भी उनका पक्ष पूछा है़
स्पीकर इंदर सिंह नामधारी के समय इन पदों पर हुई बहाली
अनुसेवक : 143
प्रतिवेदक : 24
वरीय प्रतिवेदक : 5
रूटीन क्लर्क : 12
टंकक : 08
चालक : 15
वाहन पर्यवेक्षक : 03
दफ्तरी : 02
अभिलेखक वाहक : 02
स्पीकर आलमगीर आलम के कार्यकाल में जो नियुक्तियां हुईं
सहायक : 150
चालक : 25
माली : 14
उप मुख्य उद्यान पर्यवेक्षक : 01
दरबान : 10
फर्राश (सफाईकर्मी) : 33
मेहतर : 30
निजी सहायक : 16
टंकक (टाइपिस्ट) : 16
सुरक्षा प्रहरी (महिला) : 10
शोध सहायक सह सूचीकार : 06
प्रशाखा पदाधिकारी (उर्दू) : 01
उर्दू सहायक : 02
उर्दू अनुवादक : 01
उर्दू टंकक : 02
प्रधान उर्दू टंकक : 01

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