रांची: सिगरेट और गुटखा के दुष्प्रभावों को जानने के बावजूद इसे सेवन करनेवाले लोगों की संख्या कम नहीं हो रही है.
शौक से शुरुआत किया जानेवाला यह नशा बाद में लोगों की मजबूरी बन जाती है. लोग इसके गिरफ्त से दूर जाना भी चाहें, तो भी नहीं जा पाते हैं. सिगरेट व गुटखा हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ जाता है.
लोग हर महीने करोड़ों रुपये खर्च कर कैंसर की खरीदारी कर रहे हैं. युवा तंबाकू के नशे के आगोश में तेजी से शामिल हो रहे हैं. कम उम्र में ही युवा कैंसर, डिप्रेशन एवं नपुंसकता की चपेट में आ रहे हैं. राजधानी में तंबाकू, गुटखा एवं धूम्रपान का सालाना कारोबार 48 करोड़ से अधिक का है.