रांची: साहेबगंज के मंडरो प्रखंड की सीमारा पंचायत में लगभग नौ माह से एक भी चापाकल की सुविधा नहीं होने पर मुख्यमंत्री के सचिव सुनील बर्णवाल ने नोडल अधिकारी से कहा कि लोगों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है. अधिकारी इतने दिनों तक सिर्फ पत्राचार कर रहे हैं. आप सिर्फ सूची ही बनाते रहेंगे. […]
रांची: साहेबगंज के मंडरो प्रखंड की सीमारा पंचायत में लगभग नौ माह से एक भी चापाकल की सुविधा नहीं होने पर मुख्यमंत्री के सचिव सुनील बर्णवाल ने नोडल अधिकारी से कहा कि लोगों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है. अधिकारी इतने दिनों तक सिर्फ पत्राचार कर रहे हैं. आप सिर्फ सूची ही बनाते रहेंगे.
ऐसा नहीं चलेगा. जहां जरूरत है, वहां तुरंत चापानल लगायें और अगले मंगलवार तक जवाब दें. श्री बर्णवाल मंगलवार को सूचना भवन सभागार में मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में आये शिकायतों की साप्ताहिक समीक्षा कर रहे थे. बैठक में कुल 16 शिकायतों में से आठ लंबित मामलों की समीक्षा की गयी.
दो साल से छात्रवृत्ति लंबित रखने पर नोडल अधिकारी को फटकार
हजारीबाग के बरही प्रखंड की रसोइया पंचायत में दो साल से लंबित छात्रवृत्ति के मामले में मुख्यमंत्री के सचिव ने अनावश्यक विलंब होने पर नोडल अधिकारी को फटकार लगायी. उन्होंने हर हाल में तीन दिन के अंदर भुगतान कराने का आदेश दिया. छात्रवृत्ति के एक दूसरे मामले में पाकुड़ जिले के हिरणपुर प्रखंड की मोहनपुर पंचायत के स्कूल के छात्र ने 25 मई 2017 को आवेदन दिया था, लेकिन अब तक छात्रवृत्ति नहीं मिलने के सवाल पर सचिव ने नोडल अधिकारी से पूछा कि शाॅर्ट लिस्ट होने के पांच माह बाद भी तक कार्य क्यों नहीं हुआ? सचिव ने 15 दिनों के अंदर छात्रवृत्ति की राशि देने का निर्देश देते हुए फिर इसकी समीक्षा की बात कही.
अनुकंपा पर नियुक्ति मामले में अविलंब कार्रवाई का निर्देश
रांची जिले की खलारी पंचायत के लपरा गांव में चौकीदार नारायण साहू की 1996 में हत्या कर दी गयी थी. हत्या के बाद उनकी पत्नी को अब तक नौकरी नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री के सचिव ने कहा कि यह मामला कालबाधित कैसे रह गया? अनुकंपा पर नौकरी देने के लिए हत्या के दो साल बाद यानी 1998 में ही आवेदन दे दिया गया था.
उन्होंने जल्द स्थापना समिति में पता कर नौकरी देने का निर्देश दिया. जामताड़ा के कल्याण विभाग के कार्यालय में कार्यरत क्लर्क दिनेश कुमार मुंडा की 2015 में हुई मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने मार्च 2016 में आवेदन दिया था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बावजूद अब तक नौकरी नहीं मिलने पर सचिव ने नोडल अधिकारी से पूछा कि आवेदन क्यों लंबित रखा गया? इसके लिए स्थापना प्रभारी पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाये? उन्होंने कहा कि जो काम पहले ही दिन किया जा सकता था, उसे इतने दिन क्यों लंबित रखा गया? उन्होंने तुरंत मामले के निष्पादन का निर्देश दिया है. अनुकंपा से जुड़े एक अन्य मामले में सिमडेगा में सहायक शिक्षक की दुर्घटना में मृत्यु होने के लगभग डेढ़ साल के बाद मृतक की पत्नी द्वारा फरवरी 2017 में सारे कागजात जमा करने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिलने पर डीइओ ने कहा कि अनुशंसा हो गयी है. इसी सप्ताह नियुक्ति पत्र दे दिया जायेगा.
ब्याज के साथ राशि वापसी का निर्देश
हजारीबाग के बरही प्रखंड की केडरूत पंचायत के स्कूल में सचिव सह प्रधानाध्यापक पर वित्तीय अनियमितता का आरोप सिद्ध होने पर पैसा वापसी के मामले में सचिव ने पूछा कि आखिर खाते से पैसे निकाले ही क्यों गये? उन्होंने आठ माह के ब्याज समेत पैसे वापस करने का आदेश दिया. विधि आयोग में कार्यरत आदेशपाल की आठ दिसंबर 2016 को हुई मृत्यु के बाद कुल 36 माह का वेतन नहीं मिलने की शिकायत पर कहा गया कि वित्त विभाग से फाइल नहीं लौटी है. इस पर सचिव ने अविलंब निर्णय लेकर राशि के भुगतान का आदेश दिया. गढ़वा जिले में बिरसा कृषि महाविद्यालय के अधूरे भवन निर्माण पर नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि कृषि विभाग को मार्च 2017 में रिपोर्ट भेजी गयी है. इस पर सचिव ने उनसे पूछा कि अब तक यह मामला लंबित क्यों है?