विशेषज्ञों की मानें, तो डेंटल लड़कियों के लिए काफी सुरक्षित माना जाता है, इसलिए हमेशा से इसमें लड़कियों की संख्या ज्यादा देखने को मिलती है. रिम्स डेंटल कॉलेज में लड़कियों की संख्या ज्यादा होने के कारण उनमें प्रतिस्पर्धा भी ज्यादा है. कॉलेज के एक शिक्षक ने बताया कि लड़कियां पढ़ाई के प्रति ज्यादा लगनशील दिखती हैं. वह हमेशा समय पर क्लास में आ जाती है. क्लास में सबसे अगली बेंच पर बैठती हैं. क्लास में समझ नहीं आने पर वह सवाल पूछने में झिझकती नहीं हैं. उनमें सीखने की ललक छात्राें से ज्यादा दिखती है.
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डेंटल काॅलेज में लड़कियों का दबदबा 50 में से 40 सीटों पर लिया नामांकन
रांची : रिम्स स्थित राज्य के सरकारी डेंटल कॉलेज में लड़कियों का दबदबा है. 50 में से 40 सीटों पर लड़कियों ने नामांकन लिया है, जबकि लड़कों की संख्या सिर्फ 10 है. पहली बार रिम्स के डेंटल कॉलेज में नामांकन होने के कारण 40 सीटों पर राज्य के विद्यार्थी, दो सेंट्रल नॉमनी एवं आठ विद्यार्थी […]
रांची : रिम्स स्थित राज्य के सरकारी डेंटल कॉलेज में लड़कियों का दबदबा है. 50 में से 40 सीटों पर लड़कियों ने नामांकन लिया है, जबकि लड़कों की संख्या सिर्फ 10 है. पहली बार रिम्स के डेंटल कॉलेज में नामांकन होने के कारण 40 सीटों पर राज्य के विद्यार्थी, दो सेंट्रल नॉमनी एवं आठ विद्यार्थी सीबीएसइ के तहत अन्य राज्यों से आकर नामांकन लिये हैं.
हॉस्टल के लिए परेशान हैं छात्राएं : डेंटल कॉलेज के छात्राओं का दबदबा तो है, लेकिन हॉस्टल की समस्या छात्राओं से ज्यादा है. उन्हें अब तक हॉस्टल नहीं मिला है. हालांकि, प्रबंधन छात्राओं को हॉस्टल उपलब्ध कराने के प्रयास में जुटा हुआ है. छात्राओं गर्ल्स हॉस्टल के यूजी हॉस्टल में जगह उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है.
डेंटल कॉलेज में हमेशा से छात्राओं की संख्या ज्यादा रहती है, जो रिम्स में भी दिखता है. यहां 50 सीटों में से 40 पर लड़कियां है, जिन्होंने नामांकन लिया है. डेंटिस्ट्री और गाइनी में हमेशा छात्राओं को रुझान ज्यादा होता है. डेंटल को लड़कियों के लिए सबसे सुरक्षित प्रोफेशन माना जाता है.
डॉ पंकज गोयल, प्राचार्य डेंटल कॉलेज
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