रांची: रांची जिले में रिवाल्वर के शौकीनों की संख्या ज्यादा है. यही वजह है कि राइफल की तुलना में रिवाल्वर का लाइसेंस के आवेदन ज्यादा आ रहे हैं. आर्म्स मजिस्ट्रेट कार्यालय के अधिकारी की मानें तो सुरक्षा के दृष्टिकोण से रिवाल्वर लेकर चलना आसान है, इसलिए आर्म्स का लाइसेंस लेनेवाले लोग रिवाल्वर में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं.
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हर महीने आ रहे 30 से ज्यादा अार्म्स लाइसेंस के आवेदन, राजधानी में राइफल से ज्यादा रिवाल्वर के शौकीन
रांची: रांची जिले में रिवाल्वर के शौकीनों की संख्या ज्यादा है. यही वजह है कि राइफल की तुलना में रिवाल्वर का लाइसेंस के आवेदन ज्यादा आ रहे हैं. आर्म्स मजिस्ट्रेट कार्यालय के अधिकारी की मानें तो सुरक्षा के दृष्टिकोण से रिवाल्वर लेकर चलना आसान है, इसलिए आर्म्स का लाइसेंस लेनेवाले लोग रिवाल्वर में ज्यादा रुचि […]
आर्म्स मजिस्ट्रेट कार्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में पूरे रांची जिले में आर्म्स लाइसेंधारियों की संख्या 4000 के करीब है. कार्यालय में हर माह औसतन 30 से ज्यादा लाइसेंस के आवेदन आते हैं. यानी एक साल में आवेदनों की संख्या 350 से 400 बीच पहुंची जाती है. हालांकि, इनमें से बहुत कम ही लोगों को आर्म्स के लाइसेंस मिल पाते हैं. फिलहाल, आर्म्स मजिस्ट्रेट कार्यालय में आर्म्स लाइसेंस के लिए लगभग 400 आवेदन पड़े हुए हैं. खास बात यह है कि इनमें से 250 आवेदन केवल रिवाल्वर के हैं. वहीं, शेष 150 आवेदन राइफल के हैं.
लाइसेंस लेने की प्रक्रिया
आर्म्स का लाइसेंस लेने के लिए 1000 रुपये ट्रेजरी चालान के साथ डीसी कार्यालय में आवेदन जमा करना होता है. वहां से आवेदन को एसएसपी के पास भेज दिया जाता है. आवेदन को एसएसपी अपने स्तर से संबंधित थाना को भेज देते हैं. थाना प्रक्रिया पूरी कर एसएसपी कार्यालय को भेज देते हैं. उसके बाद अगर जरूरत हुई, तो मजिस्ट्रेट जांच के लिए एसडीओ को भेजा जाता है. एसडीओ इसकी जांच कर डीसी के पास भेजते हैं. अगर सबकुछ ठीक रहा है तो लाइसेंस जारी कर दिया जाता है. इसके बाद डीसी आर्म्स के लिए अादेश करते हैं. वहीं, रिवाल्वर के लिए डीसी आवेदन को आयुक्त के पास भेजते हैं. वहां से अनुशंसा होने के बाद ही डीसी रिवाल्वर के लाइसेंस का आदेश देते हैं.
ऐसे होता है रिन्युअल
आर्म्स लाइसेंस रिनुअल के लिए अब नयी व्यवस्था लायी गयी है. सभी लाइसेंसधारियों को यूएन नंबर जारी कर दिये गये हैं. रिन्युअल के वक्त यूएन नंबर जेनरेट करने के बाद ही रिन्युअल होता है.
छोटे हथियार से होती है सहूलियत
अब लोग रायफल से ज्यादा रिवाल्वर के आवेदन कर रहे हैं. रायफल न रखने के पीछे लोगों की परेशानी है. रायफल पुराने लोगों के पास ही मिलते हैं. रिन्युअल के लिए उन्हें रायफल को टांग कर लाना पड़ता है, जिससे लोगों को परेशानी भी होती है. इसलिए लोग अब रिवाल्वर रखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
राजेश कुमार, आर्म्स मजिस्ट्रेट
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