रांची: राजधानी के महात्मा गांधी मार्ग (मेन रोड) में निर्धारित अवधि में छूट के बावजूद कंपनी के एजेंटों द्वारा पार्किंग के लिए पैसे वसूले जाने से जनता परेशान है. पार्किंग शुल्क की वसूली की जिम्मेवारी बेंगलुरु की कंपनी जिनोस्टिक को दी गयी है. कंपनी इस एवज में रांची नगर को हर माह 11.80 लाख रुपये दे रही है. इस राशि की वसूली के लिए कंपनी ने फौलादी शरीर वाले युवाओं को बहाल कर रखा है.
इनकी गुस्ताखियों से न सिर्फ आम जनता बल्कि सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता भी परेशान हैं. लोगों की परेशानी यह है कि जिनोस्टिक कंपनी के कर्मचारियों की बदसलूकी की शिकायत किससे करें. दूसरी ओर कंपनी को चलानेवाले अपने ही कर्मियों का बचाव कर पार्किंग शुल्क की वसूली को जायज ठहरा रहे हैं. कंपनी के कर्मियों के अभद्र व्यवहार और आम जनता को मिलनेवाली सुविधाओं को लेकर प्रभात खबर ने कंपनी के हेड अजय कुमार से बातचीत की.
सूचना मिलने पर 15 मिनट के अंदर ऐसे एजेंट पर करेंगे कार्रवाई
कंपनी के कर्मचारी सड़कों पर गुंडागर्दी कर रहे हैं. वाहन चालकों ओर मालिकों से गाली-गलौज तो आम बात है. क्या यही ट्रेनिंग कंपनी ने अपने कर्मचारियों को दिया है.
गाली-गलौज करना बिल्कुल गलत है. कर्मचारी लोगों से सही तरीके से पेश आयें. जो भी कर्मचारी पार्किंग शुल्क वसूली के लिए नियुक्त किये जाते हैं, उन्हें मैं खुद ट्रेंड करता हूं. उन्हें लोगों से बात करने के बारे में बताया जाता है. अगर इसके बाद भी कंपनी का कोई कर्मचारी किसी वाहन चालक से अभद्र व्यवहार कर रहा है, तो इसके लिए लोग चाहें तो कंपनी के मोबाइल नं 9570066666, 9570788888 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. ऐसे एजेंट पर कंपनी कार्रवाई करेगी. पार्किंग शुल्क वसूलने को लेकर गाली-गलौज या अभद्र व्यवहार करने की इजाजत किसी को नहीं है.
सूचना मिलने पर 15 मि नट के अंदर ऐसे एजेंट पर करेंगे कार्रवाई
कंपनी के कर्मचारी वाहन खड़ा करते ही टिकट लगाकर पैसे की मांग करते हैं, जबकि 10 मिनट तक तो पार्किंग फ्री है. 10 मिनट तक पार्किंग फ्री है. अगर कंपनी का कोई कर्मचारी 10 मिनट से पहले किसी से पैसा वसूल रहा है, तो यह गलत है. ऐसी गलती जो भी एजेंट करेगा, उस पर निश्चित कार्रवाई होगी. लोग हमें उसी स्थल से खड़ा होकर सूचना दें. इस मामले को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां भी हैं. अगर आप अपने वाहन को किसी जगह पर खड़े कर रहे हैं और कर्मचारी आकर आपको टिकट थमा रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको उस टिकट के पैसे लगेंगे. उस टिकट में वाहन के पार्किंग का समय व शुल्क दर्ज रहता है. उसी के आधार पर आपको पैसे देने हैं. अगर अाप 10 मिनट से पहले ही वाहन निकाल लेते हैं, तो आपको एक रुपये देने की जरूरत नहीं है. अगर कोई कर्मचारी इसका विरोध करता है, तो आप हमें मौके से ही हमारे हेल्पलाइन नंबर पर फोन करें. हमारे सुपरवाइजर 15 मिनट के अंदर पहुंचेंगे अौर ऐसे कर्मचारी पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी.
पार्किंग का ठेका आपने लिया है, तो लोगों को जागरूक कौन करेगा.
मेन रोड में पार्किंग व्यवस्था बेहतर तरीके से संचालित हो, इसके लिए कंपनी ने डेढ़ लाख पंपलेट छपवाये हैं. जल्द ही ये पंपलेट मेन रोड में वाहन लेकर आनेवाले सभी लोगों के बीच में बांटे जायेंगे. इसमें लोगों को बताया जायेगा कि कितने समय से कितने समय तक पार्किंग फ्री है. कहां-कहां पर आप सस्ते दर पर पार्किंग कर सकते हैं. हमारा प्रयास यह है कि लोगों को मेन रोड की पार्किंग व्यवस्स्था के बारे में पूरी तरह से जानकारी हो. एक बार लोग जागरूक हो जायेंगे, तो फिर पार्किंग शुल्क काे लेकर कोई झगड़ा नहीं होगा.
वाहनों का पार्किंग शुल्क आप लेते हैं, तो वाहन चोरी होने की जिम्मेवारी आपकी नहीं होगी तो किसकी होगी. नगर निगम की ओर से हमें ऑन रोड पार्किंग दिया गया है. ऑन रोड पार्किंग में हम केवल वाहन की देखरेख ही कर सकते हैं. अगर निगम हमें ऑफ रोड पार्किंग देता, तो हम वहां खड़े होनेवाले वाहनों की जिम्मेवारी ले सकते थे. सड़क पर वाहन खड़े होने के कारण जिम्मेवारी लेना संभव नहीं है.