शकील अख्तर
रांची : आइएएस अधिकारी व भवन निर्माण निगम के एमडी सुनील कुमार ने अपनी पत्नी के नाम आवंटित पेट्रोल पंप का विस्तृत ब्योरा देने के लिए एक माह का समय मांगा है. कार्मिक विभाग ने नोटिस भेज कर उनसे पत्नी के नाम आवंटित पेट्रोल पंप का विस्तृत ब्योरा मांगा था. इस मामले में हाइकोर्ट में जनहित याचिका भी विचाराधीन है.
प्रबंध निदेशक सुनील कुमार ने अगस्त 2017 में सरकार को पत्र लिख कर अपनी पत्नी रंजना कुमार के नाम पेट्रोल पंप होने की जानकारी दी. बताया गया कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड में उनकी पत्नी के नाम पेट्रोल पंप आवंटित किया है. इस पंप से पेट्रोल की बिक्री मई 2017 में शुरू हो चुकी है. पेट्रोल पंप के लिए माशूक आजम से 33 साल के लिए लीज पर जमीन ली गयी है.कार्मिक विभाग ने इस सूचना को अपर्याप्त मानते हुए उन्हें नोटिस दिया और विस्तृत जानकारी मांगी.
कार्मिक विभाग ने उनसे जानना चाहा कि पत्नी के नाम लीज पर जमीन कब ली गयी. जमीन लेते समय वह कहां और किस पद पर पदस्थापित थे. जिस वक्त पत्नी के नाम पेट्रोल पंप का लाइसेंस मिला, उस वक्त वह कहां पदस्थापित थे.
उन्होंने पिछले तीन साल के दौरान भारत सरकार को दिये गये संपत्ति के वार्षिक ब्योरे में पत्नी के नाम पंप और लीज पर जमीन होने का उल्लेख किया है या नहीं. अगर वार्षिक ब्योरे में इसका उल्लेख नहीं किया गया हो, तो इसका कारण बतायें. कार्मिक विभाग द्वारा मांगी गयी जानकारी के बाद सुनील कुमार ने एक पत्र लिखा. इसमें कहा गया कि जमीन आदि के सिलसिले में जो जानकारी मांगी गयी है, उससे संबंधित कागजात सक्षम स्तर से मांगा गया है. इसमें कुछ समय लगने की संभावना है. इसलिए विस्तृत ब्योरा देने के लिए एक माह का समय दिया जाये.
कार्मिक ने किन-किन बिंदुओं पर जवाब मांगा
1. पत्नी के नाम लीज पर जमीन कब ली गयी
2. जमीन लेते समय वह कहां और किस पद पर थे
3. पेट्रोल पंप का लाइसेंस जब मिला, उस वक्त वह कहां पदस्थापित थे
4. संपत्ति के वार्षिक ब्योरे में पत्नी के नाम पंप और लीज पर जमीन होने का उल्लेख किया है या नहीं.
5. इसका उल्लेख नहीं किया गया हो, तो इसका कारण बतायें
वार्षिक संपत्ति के ब्योरे में पेट्रोल पंप का उल्लेख नहीं
सुनील कुमार द्वारा भारत सरकार को दिये गये वार्षिक संपत्ति के ब्योरे में पत्नी के नाम पेट्रोल पंप और हजारीबाग में लीज पर जमीन लेने का उल्लेख नहीं है.वर्ष 2015 के लिये दिये गये वार्षिक संपत्ति ब्योरे में कुल 36.16 रुपये की संपत्ति का उल्लेख है. इसमें कांके रोड में उनके और पत्नी के नाम संयुक्त रूप से 17.70 लाख रुपये मूल्य का फ्लैट होने का उल्लेख किया गया है.
अपने नाम पर सहयोग समिति में एक लाख रुपये मूल्य की जमीन, कानपुर में 11.45 लाख रुपये मूल्य की पैतृक संपत्ति और लखनऊ में अपने नाम पर छह लाख रुपये की जमीन होने का उल्लेख है. 30 जनवरी 2016 में दाखिल ब्योरे में पहले की संपत्ति के अलावा गाजियाबाद में पत्नी के नाम 23.30 लाख रुपये मूल्य का फ्लैट होने का उल्लेख किया है. 31 दिसंबर 2016 को दाखिल ब्योरे में भी पहले से ही चली आ रही संपत्ति का उल्लेख है. इसमें भी पत्नी के नाम लीज पर जमीन होने का उल्लेख नहीं है.