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रांची : वेंटिलेटर पर मरीज की स्थिति में 24 घंटे में सुधार नहीं हो, तो स्पेशल टेक्निक अपनायें

रांची : रांची क्रिटिकल केयर सोसाइटी के तत्वावधान में नौवीं एनुअल इस्ट जोन क्रिटिकल केयर कॉन्फ्रेंस की शुरुआत शुक्रवार को हुई. तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस के पहले दिन होटल बीएनआर चाणक्या में तीन विभिन्न विषयों पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का विषय वेंटिलेशन, हेमोडायनेमिक मॉनिटरिंग एवं नर्सिंग था. सर गंगाराम हॉस्पिटल, नयी दिल्ली (क्रिटिकल […]

रांची : रांची क्रिटिकल केयर सोसाइटी के तत्वावधान में नौवीं एनुअल इस्ट जोन क्रिटिकल केयर कॉन्फ्रेंस की शुरुआत शुक्रवार को हुई. तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस के पहले दिन होटल बीएनआर चाणक्या में तीन विभिन्न विषयों पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का विषय वेंटिलेशन, हेमोडायनेमिक मॉनिटरिंग एवं नर्सिंग था.
सर गंगाराम हॉस्पिटल, नयी दिल्ली (क्रिटिकल केयर एंड इमरजेंसी मेडिसीन) के सीनियर कंसल्टेंट एंड वाइस चेयरमैन डॉ सुमित रे ने कहा कि मरीज को वेंटिलेटर पर रखने के बाद 12 से 24 घंटे के भीतर कोई खास सुधार नहीं होता है, तो स्पेशल वेंटिलेटर टेक्निक अपनाना चाहिए. इसके तहत मरीज को मुंह के बल लिटाना चाहिए.
इससे सबसे बड़ा फायदा यह है कि क्रिटिकल स्थिति में 60 से 70 प्रतिशत तक होनेवाली मृत्यु दर 30 से 35 प्रतिशत तक आ जाती है. आइसीयू में भरती मरीज के सभी ऑर्गन सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं, इसे देखना चाहिए. बीपी को सामान्य करने के लिए पंप से दवाइयां दी जाती हैं.
वेंटिलेटर काफी महत्वपूर्ण : कोलकाता से आये डॉ अरिंदम कारर ने कहा कि वेंटिलेटर एक प्रकार का ऑर्गन सपोर्ट है. यह काफी महत्वपूर्ण है. जैसे-जैसे मरीज ठीक होता जाता है, वेंटिलेटर सपोर्ट कम किया जाता है. लंग्स काम नहीं करना, हार्ट काम नहीं करना, स्वाइन फ्लू, बड़े ऑपरेशन आदि में वेंटिलेटर पर डालना पड़ता है. इसमें मशीन और मरीज के पैरामीटर को मैनेज किया जाता है.
ब्लड फ्लो नापना जरूरी : हेमोडायनेमिक मॉनिटरिंग पर डॉ सुश्रुत बंदोपाध्याय ने कहा कि जब भी कोई मरीज गंभीर बीमारी से गुजर रहा है, तो मरीज का ब्लड फ्लो और सारे ऑर्गन में खून सही तरीके से पहुंच रहे हैं या नहीं, इसकी जांच जरूरी है. क्रिटिकल मरीज के केस में इसे नापना जरूरी है. इसके लिए नस में नली डाल कर या बाहर से अल्ट्रासाउंड के माध्यम से इसे नाप सकते हैं. यह मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है.
देरी होने पर बढ़ जाता है खतरा : डॉ विजय मिश्रा : डॉ विजय कुमार मिश्रा ने कहा कि वेंटिलेशन में देरी होने पर मरीज की जान को खतरा और अधिक बढ़ जाता है.
वेंटिलेटर का सही प्रयोग, सही मरीज और सही समय में किया जाये, तो कई जानें बचायी जा सकती हैं. डॉ तापस कुमार साहू ने कहा कि किसी भी आइसीयू के मरीज के लिए क्रिटिकल केयर नर्सिंग बहुत ही अहम है.
आइसीयू नर्सेज किसी भी अस्पताल की पूंजी होती हैं. यह पेसेंट की फैमिली और डॉक्टर के बीच समन्वय रखती हैं. मौके पर डॉ सुरेश रामासुब्बन, डॉ सुमित सेनगुप्ता, डॉ एहसान अहमद, सिस्टर सुचरिता दास, सिस्टर स्वप्निल थुलुंग, सिस्टम स्मिता, सिस्टमर बीनू प्रिया आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे.

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