इस पर सरकार की अोर से अधिवक्ता राजेश कुमार ने अदालत को बताया कि यह सरकार का अधिकार है. परीक्षा लेने या नहीं लेने के लिए वह स्वतंत्र है. सरकार ने त्रुटियों की वजह से पीटी रद्द करने व अपनी अधियाचना वापस लेने का निर्णय लिया था. नियुक्ति नियमावली में संशोधन के बाद आयोग को अधियाचना भेज दी गयी है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की अोर से अधिवक्ता तेजो मिस्त्री ने पक्ष रखा. प्रार्थी की अोर से पीटी रद्द करने के सरकार के निर्णय को निरस्त करने का आग्रह किया गया.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रंजीत कुमार व अन्य की अोर से रिट याचिका दायर की गयी है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए वर्ष 2016 में संयुक्त स्नातक स्तरीय पीटी ली थी. रिजल्ट भी घोषित किया था. सचिवालय सहायक, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारियों आदि पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी थी.