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पूर्व महाधिवक्ता एसबी गाड़ोदिया नहीं रहे, शोक

रांची : झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता व हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता एसबी गाड़ोदिया नहीं रहे. गुरुवार रात में करीब 2:00 बजे उन्होंने अॉर्किड हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. उनके निधन की सूचना मिलते ही न्यायिक क्षेत्र में शोक की लहर दाैड़ गयी. झारखंड हाइकोर्ट में एडवोकेट्स एसोसिएशन के आग्रह पर दिन के 11.30 बजे से […]

रांची : झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता व हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता एसबी गाड़ोदिया नहीं रहे. गुरुवार रात में करीब 2:00 बजे उन्होंने अॉर्किड हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. उनके निधन की सूचना मिलते ही न्यायिक क्षेत्र में शोक की लहर दाैड़ गयी. झारखंड हाइकोर्ट में एडवोकेट्स एसोसिएशन के आग्रह पर दिन के 11.30 बजे से कार्य स्थगित हो गया. शोकाकुल अधिवक्ताअों ने कार्य नहीं किया. उधर, कांके रोड स्थित आवास पर एसबी गाड़ोदिया को श्रद्धांजलि देनेवालों का आना-जाना लगा रहा.

सामाजिक, व्यावसायिक, न्यायिक क्षेत्र से जुड़े लोग श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे थे. हाइकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल सहित सभी न्यायाधीश श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर पहुंचे. न्यायाधीशों ने पार्थिव शरीर पुष्पांजलि अर्पित की. दिन के लगभग तीन बजे अंतिम यात्रा शुरू हुई. हरमू मुक्तिधाम में पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया

इस अवसर पर महाधिवक्ता अजीत कुमार, सरकारी अधिवक्ता राजेश कुमार, अतनु बनर्जी, एडवोकेट्स एसोसिएशन झारखंड हाइकोर्ट के अध्यक्ष वरीय एके कश्यप, महासचिव हेमंत कुमार सिकरवार, धीरज कुमार सहित वरीय अधिवक्ता, हाइकोर्ट व सिविल कोर्ट के अधिवक्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

मृदुभाषी व व्यवहार कुशल थे एसबी गाड़ोदिया : त्रिपाठी
झारखंड स्टेट बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष व हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता पीसी त्रिपाठी ने पूर्व महाधिवक्ता एसबी गाड़ोदिया के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है. वे हमारे सबसे नजदीकी थे. वे मृदुभाषी और व्यवहार कुशल थे. पीड़ितों की मदद के लिए वे हमेशा आगे रहते थे. उनके निधन से न्यायिक जगत को अपूरणीय क्षति पहुंची है.
वर्ष 1979 को एसबी गाड़ोदिया वरीय अधिवक्ता बने थे
एसबी गाड़ोदिया का जन्म पांच अगस्त 1932 को व्यापारिक परिवार में हुआ था. सात भाइयों में वह सबसे छोटे थे. उनकी एक बहन है. पांच नवंबर 1963 को उन्होंने वकालत शुरू की. पटना उच्च न्यायालय की रांची सर्किट बेंच की स्थापना के बाद उन्होंने यहां प्रैक्टिस शुरू की. 19 जनवरी 1979 को एसबी गाड़ोदिया को वरीय अधिवक्ता नामित किया गया. अगस्त 2006 में उन्हें झारखंड का महाधिवक्ता नियुक्त किया गया. वे अगस्त 2008 तक उक्त पद पर बने रहे.
महाधिवक्ता रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों का प्रतिनिधित्व किया था. एसबी गाड़ोदिया सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे. विभिन्न सामाजिक व व्यापारिक संगठनों से जुड़े हुए थे. एडवोकेट्स एसोसिएशन झारखंड हाइकोर्ट के संस्थापक सदस्य थे. छोटानागपुर कानूनी सहायता समिति के अध्यक्ष थे. जूनियर चेंबर इंटरनेशनल के संस्थापक अध्यक्ष थे.
बिहार व नेपाल के लिए लायंस क्लब इंटरनेशनल के जिला गवर्नर भी थे. उनके नेतृत्व में लायंस क्लब का संगठन नेपाल में शुरू किया गया था. एसबी गाड़ोदिया के पांच पुत्र व एक पुत्री का भरा-पूरा परिवार है. बड़े पत्र सुरेश गाड़ोदिया हैं. संजय कुमार विद्रोही बार एसोसिएशन के महासचिव हैं. पुत्र संदीप गाड़ोदिया आयकर क्षेत्र में प्रैक्टिस करते हैं. पुत्र सुमित गाड़ोदिया झारखंड हाइकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं.

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