इसके बाद टीम ने नेत्र विभाग के ओपीडी का निरीक्षण किया. रोस्टर के अनुसार विभागाध्यक्ष डॉ वीवी सिन्हा को अोपीडी में होना चाहिए था, लेकिन वह मौजूद नहीं थे. टीम ने जूनियर डॉक्टरों से डॉ सिन्हा के बारे में पूछा ने, बताया गया कि डॉक्टर साहब वार्ड में राउंड लगा रहे हैं. इस पर टीम ने कहा चलिए हमें दिखाइये कि डॉ सिन्हा वार्ड में कहां हैं? इसके बाद जूनियर डॉक्टर एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे. तब टीम के सदस्यों ने जूनियर डॉक्टर को फटकार लगायी. कहा : झूठ क्यों बोल रहे हैं, साफ-साफ क्यों नहीं कहते कि डॉक्टर साहब रिम्स में हैं ही नहीं.
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रिम्स पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम, नहीं मिले डॉक्टर, जूनियर को लगायी फटकार, कहा साफ-साफ कहिये कि डॉक्टर रिम्स में नहीं हैं
रिम्स के डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को भी रिम्स का औचक निरीक्षण किया. टीम का यह दूसरा दौरा था, जिसमें दूसरी पाली के अोपीडी में डॉक्टरों की उपस्थिति का जायजा लिया गया. इस दौरान कई सीनियर डॉक्टर अनुपस्थित मिले. टीम ने नेत्र विभाग के […]
रिम्स के डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को भी रिम्स का औचक निरीक्षण किया. टीम का यह दूसरा दौरा था, जिसमें दूसरी पाली के अोपीडी में डॉक्टरों की उपस्थिति का जायजा लिया गया. इस दौरान कई सीनियर डॉक्टर अनुपस्थित मिले. टीम ने नेत्र विभाग के जूनियर डॉक्टर को झूठ बोलने के लिए फटकार भी लगायी. टीम सभी अनुपस्थित डॉक्टरों की लिस्ट साथ ले गयी है.
रांची : स्वास्थ्य विभाग की तीन सदस्यीय टीम बुधवार को दोपहर बाद 3:45 बजे रिम्स पहुंच थी. टीम में स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव वीरेंद्र कुमार सिंह, चिकित्सा शिक्षा डॉ अमरेंद्र मिश्रा और एनएचएम के उपनिदेशक (फाइनेंस) रवि प्रकाश शामिल थे. टीम सबसे पहले शिशु विभाग के ओपीडी में गयी, जहां अनुबंध पर नियुक्त प्रोफेसर डॉ एके शर्मा अपनी टीम के साथ मरीजों को देख रहे थे.
मेडिसिन आेपीडी : सीनियर डॉक्टर पहली पाली में आते हैं
निरीक्षण के क्रम में टीम मेडिसिन विभाग पहुंची. पूछा कि सीनियर डाॅक्टर कहां है? तो डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हम एसाेसिएट प्रोफेसर हैं. टीम ने पूछा : यूनिट इंचार्ज कौन है? तो बताया गया कि डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट है. वह सुबह की पाली में आते हैं, हम दूसरी पाली में आते हैं. वह ऑन कॉल उपस्थित रहते हैं. टीम ने कहा कि यूनिट इंचार्ज को भी दूसरी पाली में आना चाहिए. पीओसी का मतलब हम भी जानते हैं. यह ड्यूटी के बाद होता है.
डॉक्टर साहब! आपके जूनियर डॉक्टरों को तमीज तक नहीं है
हड्डी विभाग के आेपीडी का जिम्मा संभाल रहे डॉक्टर विनय कुमार इमरजेंसी में निरीक्षण के समापन पर पहुंचे. उन्होंने टीम काे बताया कि वह वार्ड में राउंड ले रहे थे. जानकारी होने पर मिलने चले अाये. टीम के अध्यक्ष ने कहा : लिखा जाये कि डॉक्टर साहब बता रहे हैं कि वह राउंड दे रहे थे. डॉ विनय को टीम के सदस्यों ने कहा कि आपके जूूनियर डॉक्टरों को तमीज तक नहीं है. मरीजों के साथ उनका व्यवहार ठीक नहीं है. उन्हें समझाये. डॉ गोविंद गुप्ता किसको छुट्टी की परची दी है, इसकी जानकारी ली जायेगी.
यूनिट इंचार्ज डॉ मलुआ इमरजेंसी में दे रहे थे सेवा
टीम सर्जरी विभाग गयी, वहां रोस्टर के हिसाब से डॉक्टर सेवा दे रहे थे. यूनिट इंचार्ज डॉ शीतल मलुआ इमरजेंसी में भरती गंभीर मरीज को परामर्श दे रहे थे. ओपीडी में टीम ने पूरी जानकारी ली कि किसकी ड्यूटी है, डॉक्टर ने कितने मरीज दूसरी पाली में देखे हैं. टीम जब इमरजेंसी में अायी तो वहां डॉ मलुआ मिले. उन्होंने टीम से कहा कि चिकित्सकों की संख्या बढ़ायी जाये, पारा मेडिकल स्टॉफ व नर्स बढ़े और बेड की संख्या बढ़ायी जाये तो व्यवस्था और बेहतर हो सकती है.
सर! मेरे मरीज की स्थिति गंभीर है, डॉक्टर नहीं हैं
टीम के सामने ही एक व्यक्ति दौड़े-दौड़े आया और बोलने लगा, ‘सर! हमारा मरीज मेडिसिन आइसीयू में है, उसकी स्थिति गंभीर है. लेकिन, वहां कोई डॉक्टर ही नहीं है.’ इस पर टीम को बताया गया कि वार्ड की बजाय इमरजेंसी में डॉक्टर रहते हैं. स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टर इमरजेंसी से जाते हैं. टीम ने उपाधीक्षक डॉ गोपाल श्रीवास्तव को डॉक्टर मुहैया कराने को कहा. टीम ने कहा कि मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वार्ड में डॉक्टर रहें. पूर्व के निरीक्षण में भी मेडिसिन आइसीयू में डॉक्टर नहीं मिले थे.
रिम्स के कर्मचारियों और डॉक्टरों को अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक करना हमारी प्राथमिकता है. डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर तैनात रहें. अस्पताल में अभी जो व्यवस्था है, उसी की मदद से चिकित्सा सेवा में सुधार लाना है. कमी और सुधार को लेकर सरकार के स्तर पर काम हो रहा है, लेकिन उसमें समय लगेगा. प्राइवेट प्रैक्टिस पर भी कार्रवाई की जायेगी, लेकिन व्यवस्था को दुरुस्त करने के बाद.
वीरेंद्र कुमार सिंह, संयुक्त सचिव
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