इसके निर्माण पर सरकार 359 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. नामकुम ओवरब्रिज से रिंगरोड हेसल तक 16 किमी फोरलेन, उसके बाद अनगड़ा तक सात किमी थ्री लेन एवं उसके बाद मुरी तक टू लेन सड़क का निर्माण होगा. मार्ग के निर्माण के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की जानी है. पहले चरण में सड़क किनारे चिह्नित 14 इंच से कम गोलाई के डेढ़ हजार पेड़ों को अन्यत्र पुन: स्थापित किया जायेगा. इसके लिए मार्ग में कुल 4327 पेड़ों को चिह्नित किया गया है. इसमें से पुराने एवं मोटे 1717 पेड़ों की कटाई की जानी है.
इसके अलावे करीब डेढ़ हजार पतले पेड़ों को हटा कर अन्यत्र लगाया जायेगा. ये पेड़ आठ-10 साल पुराने हैं. चिह्नित किये गये 4327 में से करीब 1100 पेड़ों को बचाया जायेगा. पेड़ों की कटाई के लिए वन विभाग ने भी एनओसी दे दिया है. सिर्फ वन विभाग की भूमि पर सड़क के निर्माण को लेकर कुछ पेंच फंसा है.
वन भूमि पर सड़क चौड़ीकरण की अनुमति मिलते ही कार्य प्रारंभ करा दिया जायेगा. सड़क चौड़ीकरण की सूचना से जहां ग्रामीणों में खुशी है, वहीं पुराने पेड़ों की कटाई की सूचना से उनमें मायूसी भी है. ग्रामीणों का कहना है कि जिन पेड़ों ने वर्षों हमें छाया दी, फल व फूल दिया, उनके कटने पर बहुत दुख होगा. बरगद, पीपल एवं आम के पुराने पेड़ देखने के लिए भी नहीं मिलेंगे. इसको लेकर ग्रामीण चिंतित हैं़