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बिना तैयारी बाजार समिति में कराने लगे इ-ट्रेडिंग
रांची : किसानों काे उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के मकसद से राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के तहत इ-नैम की शुरुआत झारखंड में की गयी. लेकिन हालत यह है कि इ-ट्रेडिंग के लिए किसी भी बाजार समिति में आधारभूत संरचना तक तैयार नहीं है. दूसरी तरफ झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद (मार्केटिंग बोर्ड) इस […]
रांची : किसानों काे उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के मकसद से राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के तहत इ-नैम की शुरुआत झारखंड में की गयी. लेकिन हालत यह है कि इ-ट्रेडिंग के लिए किसी भी बाजार समिति में आधारभूत संरचना तक तैयार नहीं है. दूसरी तरफ झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद (मार्केटिंग बोर्ड) इस योजना में आंकड़े दिखाने के लिए कोरम पूरा करने में लगा है.
कोई तैयारी नहीं: हैरत तो यह है कि बोर्ड ने बाजार समितियों के लिए लक्ष्य निर्धारित कर इसे पूरा करने का निर्देश भी दे दिया है. साथ ही कहा है कि प्रतिदिन किये गये ऑनलाइन ट्रेड का प्रगति प्रतिवेदन मुख्यालय को ई-मेल से भेजें. स्थिति यह है कि बोर्ड के दबाव में आकर बाजार समितियों के सचिव से लेकर कर्मचारी कागज पर दिखाने लगे हैं कि इ-ट्रेडिंग होने लगा है. जबकि इ-ट्रेडिंग के लिए कई चीजें जरूरी हैं, जिनका पालन नहीं किया जा रहा है.
इ-ट्रेडिंग के लिए क्या है जरूरी: इ-ट्रेडिंग के लिए बाजार समिति में प्लेटफॉर्म का निर्माण, हर लॉट का सैंपल, गुणवत्ता की जांच, फोटो खींच कर अपलोड करना, असेइंग लैब आदि होना चाहिए. जबकि इनका पता नहीं है.
इस कारण है बेचैनी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इ-नैम योजना की समीक्षा 11 सितंबर को करने वाले हैं. झारखंड में आधारभूत संरचना की कमी के कारण यहां का स्थान काफी खराब है. एेसे में विभागीय अधिकारियों में बेचैनी है कि समीक्षा के दौरान कहीं कलई न खुल जाये.
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