नामकुम : जीएसटी भारत में अर्थव्यवस्था की दिशा में पिछले 70 सालों में सबसे बड़ा सुधार है. दुनिया में पहली बार जर्मनी ने इसे अपने यहां लागू किया था तथा भारत में लागू जीएसटी कनाडा से काफी मिलता-जुलता है. इस व्यापक कर सुधार से न सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशी निवेशक भारत में निवेश के लिए […]
नामकुम : जीएसटी भारत में अर्थव्यवस्था की दिशा में पिछले 70 सालों में सबसे बड़ा सुधार है. दुनिया में पहली बार जर्मनी ने इसे अपने यहां लागू किया था तथा भारत में लागू जीएसटी कनाडा से काफी मिलता-जुलता है. इस व्यापक कर सुधार से न सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशी निवेशक भारत में निवेश के लिए आकर्षित होंगे, जिसका सीधा फायदा देश की अर्थव्यवस्था को होगा.
यह बातें झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एचसी मिश्रा ने शनिवार को नामकुम स्थित छोटानागपुर लॉ कॉलेज में आयोजित नेशनल सिंपोजियम के दौरान अपने संबोधन में कही.
जस्टिस मिश्रा ने इस दौरान अल्कोहल व गो मांस को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने पर प्रश्न भी किया. उन्होंने कहा कि लीगल प्रोफेशन हमेशा से ही डायनेमिक रहा है. छात्रों को अपडेट रहने के लिए राष्ट्रीय स्तर के अखबार विशेषकर जो अर्थव्यवस्था व समसामयिक विषयों से जुड़े हों, उन्हें अवश्य पढ़ना चाहिए. वहीं जस्टिस आनंदा सेन ने कहा कि ऐसे आयोजन बहुत व्यावहारिक होते हैं, जिनसे छात्र-छात्राओं को कैरियर के दृष्टिकोण से बहुत लाभ मिलता है.
उन्होंने कहा कि जीएसटी का जैसे-जैसे विकास होगा, इसके सकारात्मक प्रभाव सामने आने लगेंगे. उदघाटन सत्र के दौरान उपस्थित रांची विवि के कुलपति प्रो रमेश कुमार पांडेय ने शिक्षा के महत्व तथा इसकी आवश्यकता पर चर्चा की. कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट अतिथि निदेशक अबु इमरान ने कर प्रणाली के इतिहास व जीएसटी के उदगम पर प्रकाश डाला. सिंपोजियम को बार एसोसिएशन के प्रेेसिडेंट डॉ ललित भसीन, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एन माथवीवनन, प्रो कामिनी कुमार, प्रो आरपीपी सिंह, डॉ परवेज हसन, रचना श्रीवास्तव आदि ने भी संबोधित किया.