रांची : बिरसा कृषि विवि में विभिन्न पंचायतों के मुखिया के लिए ‘कृषि एवं पशुपालन में आजीविका की संभावनाएं’ विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार से शुरू हुआ. दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत झारखंड सरकार के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रथम चरण में बोकारो जिले की पंचायतों के […]
रांची : बिरसा कृषि विवि में विभिन्न पंचायतों के मुखिया के लिए ‘कृषि एवं पशुपालन में आजीविका की संभावनाएं’ विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार से शुरू हुआ. दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत झारखंड सरकार के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रथम चरण में बोकारो जिले की पंचायतों के मुखिया शामिल हुए. विवि के कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने कहा कि पंचायत में चलने वाली प्रत्येक योजना का पूर्ण ज्ञान मुखिया को होना चाहिए, ताकि वे इस योजना का पूर्ण लाभ अपनी जनता को दिला सकें.
डॉ कौशल ने कहा कि मुखिया के कौशल विकास के लिए कृषि एवं पशुपालन से संबंधित कौशल प्रशिक्षण कृषि से जुड़े संस्थानों में कराने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है. इसके लिए राज्य के 1256 मुखिया का चयन किया गया है, जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत मुखिया बीएयू में प्रशिक्षण लेंगे. शेष का प्रशिक्षण दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र,रामकृष्ण मिशन रांची, कृषि विज्ञान केंद्र, दुमका तथा कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला में होगा. इनके लिए विभिन्न चरणों में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को पांच सितंबर तक पूरा कर लेना है.
उसके बाद अंत्योदय योजना में शामिल 12,000 किसानों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. कुलपति ने कहा कि असली चुनौती होगी कि उन्हें कार्यक्रमों से जोड़ते हुए वर्ष 2022 तक उनकी आय कैसे दोगुनी की जाये. कांके के विधायक डॉ जीतू चरण राम ने कहा कि जिसके पास हुनर है, वह बेरोजगार नहीं हो सकता. सभी ग्रामीण शिक्षित भले नहीं हों, लेकिन कौशल विकास सबों का हो सकता है.
मुखिया अगर ठान लें, तो रोजगार एवं आय सृजन करने वाली विभिन्न गतिविधियों का विकास कर अपने गांव को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कर सकते हैं. उन्हें हमेशा सजग और सक्रिय रह कर अपनी पंचायत को बेहतर और स्वावलंबी बनाने का प्रयास करते रहना चाहिए. मौके पर कृषि संकाय के डीन डॉ राघव ठाकुर, प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ जगरनाथ उरांव, अपर निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ सोहन राम तथा सांसद प्रतिनिधि नसीब लाल महतो आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये. धन्यवाद ज्ञापन डॉ बीके झा व संचालन शशि सिंह ने किया. प्रशिक्षण में बोकारो जिले के चास प्रखंड के 54, चंदनक्यारी प्रखंड के 38, जरीडीह प्रखंड के 17 तथा पेटरवार प्रखंड के 23 मुखिया भाग ले रहे हैं. इनमें लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं हैं.
क्या-क्या प्रशिक्षण दिया जाना है : गो पालन, कुक्कुट पालन, लाह की वैज्ञानिक खेती एवं लाह आधारित उद्योग, सुकर पालन, बकरी पालन, समन्वित मत्स्य पालन, बागवानी फसल, समेकित कृषि प्रणाली तथा कृषि आधारित उद्योगों में महिलाओं की सहभागिता आदि का प्रशिक्षण दिया जाना है.