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50 रुपये कम थे तो अस्पताल ने नहीं किया सीटी स्कैन, मासूम की मौत, मंत्री ने कहा – खबर छापने वालों को चंदा करना चाहिए

रांची :झारखंड में हर रोज स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के नये उदाहरण सामने आ रहे हैं. कल रिम्स में एक मासूम की जान सिर्फ इस वजह से चली गयी कि उसके पास 50 रुपये कम थे. बताया जा रहा है कि डॉक्टरों ने बच्चे को सीटी स्कैन कराने की सलाह दी थी. पिता के पास […]

रांची :झारखंड में हर रोज स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के नये उदाहरण सामने आ रहे हैं. कल रिम्स में एक मासूम की जान सिर्फ इस वजह से चली गयी कि उसके पास 50 रुपये कम थे. बताया जा रहा है कि डॉक्टरों ने बच्चे को सीटी स्कैन कराने की सलाह दी थी. पिता के पास 50 रुपये कम होने के कारण एक साल के मासूम श्याम का सीटी स्कैन नहीं हो पाया था. इस कारण उसका इलाज शुरू नहीं हो सका. बेबस पिता संतोष कुमार अपने बच्चे को बचाने के लिए डॉक्टर और जांच घर के चक्कर लगाता रहा. पर वह अपने मासूम बच्चे को नहीं बचा पाया. आखिरकार उचित इलाज के अभाव में श्याम की मौत हो गयी. घटना रविवार की है.उधर इस घटना को लेकर जब स्वास्थ्य मंत्री से यह सवालू पूछा तो उन्होंने जवाब दिया – खबर छापने वालों को चंदा कर 50 रुपये देना चाहिए ताकि उसका इलाज संभव हो पाता.

कल रिम्स में क्यों चली गयी थी जान
श्याम के पिता संतोष कुमार जगन्नाथपुर के मौसीबाड़ी का रहनेवाला है. रिक्शा चला कर किसी तरह अपने परिवार को जीवन चलाता है. बताया जाता है कि संतोष का एक साल का बेटा श्याम खेलने के दौरान घर की छत से गिरा गया था. उसके सिर में भी चोट आयी थी. परिजन पहले पास में ही किसी डॉक्टर के पास ले गये. पर ठीक नहीं होने के कारण रविवार को उसे लेकर रिम्स पहुंचे. श्याम को रिम्स के शिशु इमरजेंसी में डॉक्टर को दिखाया गया. डॉक्टर ने श्याम का सीटी स्कैन कराने की सलाह दी. इसके बाद आनन-फानन में परिजन सीटी स्कैन की परची कटाने के लिए कैश काउंटर पर पहुंचे. पर 50 रुपये कम होने के कारण उसकी जांच नहीं हो पायी.
पहले भी उजागर हो चुके हैं इस तरह बदहाली के मामले
18 अगस्त को गुमला में सदर अस्पताल में भरती साल भर के बिफैया की मां के गोद में ही मौत हो गयी. उसे रिम्स रेफर किया गया था. पर रांची लाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे़ वह बच्चे को लेकर पैदल ही घर जा रही थी. 06 अगस्त को गुमला सदर अस्पताल में दवा नहीं मिलने से ममरला गांव निवासी करण सिंह के आठ साल के बेटे की मलेरिया, टाइफाइड से मौत हो गयी. एंबुलेंस नहीं मिली, तो शव को कंधे पर लाद कर घर ले गया.
पैसे कम होने के कारण सीटी स्कैन नहीं हुआ हो, ऐसी कोई जानकारी हमें नहीं है़ बच्चे की मौत सिर्फ सीटी स्कैन नहीं होने के कारण नहीं हुई होगी़ अन्य कारण भी हो सकता है़ सोमवार को मामले की जानकारी लूंगा. लापरवाही सामने आयी, तो जिम्मेदार डॉक्टर या कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.

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