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स्वर्णरेखा परियोजना में तेजी पांच हजार करोड़ रुपये खर्च
वर्तमान वित्तीय वर्ष में 404 करोड़ राशि का उपबंध, अब हो गयी आधी राशि खर्च रांची. स्वर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना में तेजी से काम हो रहा है़ वर्ष 1978 से शुरू हुई यह योजना कई वर्षों तक बंद पड़ी थी़ हाल के वर्षों में इस परियोजना में काम की रफ्तार बढ़ी है़ इस परियोजना में छह […]
वर्तमान वित्तीय वर्ष में 404 करोड़ राशि का उपबंध, अब हो गयी आधी राशि खर्च
रांची. स्वर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना में तेजी से काम हो रहा है़ वर्ष 1978 से शुरू हुई यह योजना कई वर्षों तक बंद पड़ी थी़ हाल के वर्षों में इस परियोजना में काम की रफ्तार बढ़ी है़ इस परियोजना में छह हजार छह सौ करोड़ की लागत अनुमानित है़ इस वर्ष मार्च महीने तक इस योजना में पांच हजार 128 करोड़ रुपये खर्च हो चुके है़ं
वर्तमान वित्तीय वर्ष में इस परियोजना के लिए 404 करोड़ का बजटीय उपबंध किया गया था़ विभागीय स्तर पर तत्परता के बाद वर्तमान वित्तीय वर्ष के जुलाई महीने तक 214 करोड़ रुपये से अधिक व्यय किया जा चुका है़ पूर्वी-पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिला के लिए इस बहुउद्देेश्यीय सिंचाई परियोजना के कैनाल बनाने का काम चल रहा है़ खरकई बैरेज बनाने का भी काम चल रहा है़
62 हजार हेक्टेयर में हो सकेगी सिंचाई : स्वर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना के पूरा होने से राज्य के जिले में सिंचाई की बेहतर व्यवस्था संभव हो पायेगी़ 64 हजार हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा मिल पायेगी़ खासकर पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सराकेला-खरसावां जिला के खेतों को पानी मिल पायेगा़
ईचा डैम का निर्माण नहीं हो पाया : स्वर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना में ईचा डैम का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है़ इस डैम को लेकर क्षेत्र के लोगों का विरोध कई वर्षों से चलता आ रहा है़ आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि डैम के निर्माण से हजारों हेक्टेयर खेती की जमीन बरबाद हो जायेगी़
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