झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ महासचिव योगेंद्र तिवारी ने कहा है झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा परीक्षा लेने का निर्देश तो दिया गया, पर इसके लिए प्रश्न पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया. स्कूलों को केवल मॉडल प्रश्न दिया गया. इसके आधार पर प्रश्न तैयार करने को कहा गया है. राज्य में कई ऐसे मध्य विद्यालय है, जिसमें बच्चों की संख्या 1500 से दो हजार तक है. इन विद्यालयों में माॅडल प्रश्न पत्र के आधार पर प्रश्न तैयार कर उसका फोटो कॉपी कराने में हजारों रुपये का खर्च आ रहा है.
कुछ विद्यालयों ने परीक्षा को लेकर ओएमआर शीट तैयार करवाया है. अधिकतर विद्यालयों में प्रश्न ब्लैक बोर्ड पर लिखा जा रहा है. प्रश्न पत्र के लिए कोई राशि आवंटित नहीं किया गया है. प्रश्न का प्रारूप वस्तुनिष्ठ है. चार विकल्प में से एक विकल्प सही है. ऐसे में छोटे बच्चों को प्रश्न उतरने में भी परेशानी हो रही है. 10 प्रश्न लिखने में ब्लैक बोर्ड भर जा रहा है.
श्री तिवारी ने कहा कि परीक्षा को लेकर पूरी तैयारी नहीं की गयी. इस कारण परीक्षा लेने का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है. अगर आगे इस तरह की परीक्षा ली जाती है, तो प्रश्न पत्र की भी व्यवस्था हो. जिससे की बच्चा प्रश्न घर ले जा सके व अपने स्तर से घर पर भी इसकी तैयारी कर सकें.