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नक्सली अभियान पर निकली पुलिस को दलमा में मिला केन बम व डेटोनेटर

पटमदा: दलमा पहाड़ स्थित निचला बांध व खोखरो पहाड़िया टोला के बीच घने जंगल में रविवार को नक्सली अभियान के दौरान पुलिस को जमीन में गड़ा हुआ पांच किलो का ताजा केन बम, आठ डेटोनेटर व ब्लास्ट में इस्तेमाल होने वाले तीन स्विच मिले. सूचना के बाद रांची से पहुंचे बम निरोधक दस्ते ने बम […]

पटमदा: दलमा पहाड़ स्थित निचला बांध व खोखरो पहाड़िया टोला के बीच घने जंगल में रविवार को नक्सली अभियान के दौरान पुलिस को जमीन में गड़ा हुआ पांच किलो का ताजा केन बम, आठ डेटोनेटर व ब्लास्ट में इस्तेमाल होने वाले तीन स्विच मिले. सूचना के बाद रांची से पहुंचे बम निरोधक दस्ते ने बम को डिफ्यूज कर दिया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक नक्सलियों द्वारा लगाये बम के निशाने पर पुलिस दस्ते ही थे लेकिन समय रहते उसका पता चल गया.
दलमा के विभिन्न इलाकों में पिछले कर्इ दिनों से अभियान एसपी प्रणव आनंद झा के नेतृत्व में एक करोड़ के इनामी नक्सली आकाश उर्फ असीम मंडल, नक्सली सचिन उर्फ राम प्रसाद मांडी, मिता, सागर उर्फ रवि सिंह, मदन महतो, बेला समेत अन्य की तलाश में पुलिस का अभियान जारी है. इसी क्रम में गुप्त सूचना पर पुलिस ने केन बम व अन्य सामान बरामद कर नक्सलियों की योजना पर पानी फेर दिया.

अभियान एसपी ने बम मिलने की जानकारी एसएसपी अनूप टी मैथ्यू को दी. एसएसपी ने बम को डिफ्यूज करने के लिए रांची से झारखंड जगुवार के बम निरोधक दस्ते को बुलाया. इधर ग्रामीण एसपी प्रभात कुमार, डीएसपी अजय केरकेट्टा भी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे.

नक्सल में अभियान एसपी के साथ पटमदा थाना प्रभारी महेंद्र करमाली, बोड़ाम थाना प्रभारी विक्रांत कुमार, सीआरपीएफ व जिला पुलिस बल के जवान भी शामिल थे.
दूर तक गूंजा धमाका, ग्रामीणों में दहशत
झारखंड जगुवार की टीम ने दलमा पहुंचकर पहले स्थल का निरीक्षण किया. इसके बाद लंबी दूरी तक तार जोड़कर बम को बलास्ट किया. धमाके की आवाज आस-पास स्थित खोखरो, डाहूबेड़ा, गुमानडीह, डांगरडीह आदि गांवों तक गूंज गयी जिससे ग्रामीणों में दहशत है.
नक्सली को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जायेगा : झा
अभियान एसपी प्रणव आनंद झा ने कहा कि दलमा क्षेत्र में विचरण करने वाले नक्सलियों के जल्द सफाये के लिए पुलिस का अभियान लगातार जारी है, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा. केन बम के बारे में झा ने कहा कि उसे सप्ताह भर के भीतर ही लगाया गया है. उन्होंने क्षेत्र की जनता से अपील की कि जंगली क्षेत्रों में ऐसा कोर्इ भी सामान व नया चेहरा देखने पर उसके आस-पास न जायें अौर पुलिस को सूचना दें.
ब्लास्ट में चार की जान जाने के बाद ग्रामीणों ने शुरू किया था आंदोलन : आमझोर में 29 नवंबर, 2009 को नक्सलियों द्वारा किये गये बम बलास्ट में बोड़ाम व नीमडीह के चार लोग मारे गये थे. इसके बाद उग्र ग्रामीणों ने 25 दिसंबर 2009 को दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति का गठन कर नक्सलियों के खिलाफ खुलकर आंदोलन शुरू कर दिया. आंदोलन में खोखरो के मनिंद्र सिंह व गुमानडीह के सागर महतो शहीद हो गये थे. सेंदरा समिति ने आंदोलन के तहत दर्जनों नक्सली समर्थकों की जनअदालत लगाकर पिटाई की थी. ग्रामीणों ने पुलिस के साथ मिलकर ‘नक्सली भगाअो गांव बचाअो अभियान’ लगातार चलाया था. लंबे समय बाद उसी क्षेत्र में केन बम मिला है.
रात के अंधेरे में नक्सली चोरी छुपे आते हैं : परमेश्वर
दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति के परमेश्वर ने कहा कि दलमा के तराई क्षेत्रों में बसे गांवों में रात के अंधेरे में नक्सली आते हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व में सेंदरा समिति के लोगों के नाम पर फरमान जारी करने के बाद नक्सलियों का दस्ता कई दिनों तक मुर्गाटांड़ व खोखरो पहाड़िया टोला में रात के अंधेरे में उतरा अौर चला गया. यह सिलसिला तब खत्म हुआ जब दलमा अंचलिक सुरक्षा समिति के लोगों ने नीमडीह चलियामा टोला बेनाडीह स्थित नक्सली सागर सिंह के घर जाकर उसके पिता राम सिंह को चेतावनी दी.

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