रांची: संताल परगना के डीआइजी की रिपोर्ट में देवघर के एक पूर्व एसपी पर विधायक सुरेश पासवान (अब मंत्री) के पक्ष में एकपक्षीय कार्रवाई करने के आरोप की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक एसपी के स्तर से विधायक सुरेश पासवान के प्रति नरमी बरती गयी है. आशा देवी नामक महिला ने पुलिस मुख्यालय को आवेदन देकर इसकी शिकायत की थी. आवेदन में लगे आरोपों की जांच डीआइजी ने की है. रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय पहुंच चुकी है.
जांच रिपोर्ट के मुताबिक राजेश कुमार झा की ओर से 16 दिसंबर 2012 को जसीडीह थाने में कांड संख्या-327/12 और 20 दिसंबर 2012 को कांड संख्या-330/12 दर्ज कराया गया. दोनों मामलों में संतोष पासवान समेत अन्य लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. संतोष पासवान ने भी 20 दिसंबर 2012 को जसीडीह थाने में कांड संख्या-331/12 दर्ज कराया था.
इसमें विधायक सुरेश पासवान समेत 13 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. डीआइजी की रिपोर्ट के मुताबिक सुपरविजन में पहले दोनों मामलों के अभियुक्तों संतोष पासवान समेत अन्य के विरुद्ध आरोप सही पाये गये. इसके बाद अभियुक्तों को जेल भेजा गया. तीसरे मामले के सुपरविजन में सुरेश पासवान समेत छह अभियुक्तों के खिलाफ आरोप सत्य पाया गया, जबकि सात अभियुक्तों के विरुद्ध अनुसंधान चालू रहने की बात कही गयी है. वहीं इंस्पेक्टर के सुपरविजन में विधायक सुरेश पासवान के खिलाफ आरोप सही नहीं पाया गया है.
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने कांड संख्या-331/12 में दोनों पर्यवेक्षण को विरोधाभाष बताते हुए अभियुक्तों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने का निर्देश दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक तत्कालीन एसपी ने जानबूझ कर संतोष पासवान व अन्य के खिलाफ दर्ज दो मामलों में गिरफ्तारी की कार्रवाई पूरी करवायी, जबकि जिस मामले में विधायक अभियुक्त थे, उस मामले को लंबित रखा. इस तरह आवेदन में लगाया गया आरोप सही है. उल्लेखनीय है कि एसपी को बार-बार मामले की समीक्षा कर रिपोर्ट देने को कहा गया, लेकिन उन्होंने अनावश्यक रूप से मामले को लंबित रखा.