इससे वह अवसाद में था. दुखन की आय का स्रोत घर के पास की जमीन थी. पटवन की सुविधा नहीं होने के कारण खेती में हमेशा नुकसान होता था. इस कारण वह खलारी में मजदूरी करता था. उसने स्थानीय लोगों से कर्ज भी लिये थे. कर्ज नहीं चुका पाने के कारण भी परेशान था.
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बुढ़मू : किसान ने लगायी फांसी, मजदूरी भी करता था
बुढ़मू : बुढ़मू में करंबा गांव के मुरूमजोबे टोला निवासी किसान व मजदूर दुखन महतो (40) ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. वह खलारी जाने की बात कह घर से निकला था. वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने तलाश शुरू कि तो जंगल में एक पेड़ से लटकता उसका शव मिला. परिजनों ने बताया […]
बुढ़मू : बुढ़मू में करंबा गांव के मुरूमजोबे टोला निवासी किसान व मजदूर दुखन महतो (40) ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. वह खलारी जाने की बात कह घर से निकला था. वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने तलाश शुरू कि तो जंगल में एक पेड़ से लटकता उसका शव मिला. परिजनों ने बताया कि दुखन के बड़े लड़के राजू महतो की जनवरी में मौत हो गयी थी.
प्रशासन ने परिजनों को दी सहायता : सूचना मिलने के बाद शुक्रवार को बीडीओ, सीओ और थाना प्रभारी मुरूमजोबे टोला पहुंचे. दुखन के परिजनों को तत्काल 50 किलो चावल और तीन हजार रुपये की सहायता प्रदान की. अधिकारियों के अनुसार, पुत्र की मौत के बाद दुखन काफी अवसान में था. उसने किसी भी बैंक से कर्ज नहीं लिया था. शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय दुखन के घर पहुंचे. परिजनों को 10 हजार रुपये की सहायता की. उन्होंने मृतक के परिजनों को तत्काल दो लाख रुपया देने की मांग सरकार से की है.
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