रांची: झारखंड सरकार के झारखंड कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी काउंसिल (जेसीएसआरसी) ने यूनिसेफ के साथ साझेदारी में इंडस्ट्री चैंपियंस फॉर एसडीजी अवार्ड की घोषणा की गयी. यह अवार्ड उन कंपनियों को दिया जायेगा जिन्होंने अपने व्यापार या उद्योग में बाल अधिकार के मुद्दे को स्थान दिया है. कंपनियों को स्वास्थ्य, पोषण, पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, बाल संरक्षण, […]
रांची: झारखंड सरकार के झारखंड कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी काउंसिल (जेसीएसआरसी) ने यूनिसेफ के साथ साझेदारी में इंडस्ट्री चैंपियंस फॉर एसडीजी अवार्ड की घोषणा की गयी. यह अवार्ड उन कंपनियों को दिया जायेगा जिन्होंने अपने व्यापार या उद्योग में बाल अधिकार के मुद्दे को स्थान दिया है. कंपनियों को स्वास्थ्य, पोषण, पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, बाल संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, आजीविका व दक्षता विकास के क्षेत्र में काम करने के लिए अवार्ड दिया जायेगा.
इसकी घोषणा होटल रेडिसन ब्लू में जेसीएसआरसी व यूनिसेफ के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के उदघाटन सत्र में की गयी. बताया गया कि अवार्ड में शामिल होने के लिए कंपनियों को झारखंड सीएसआर कौंसिल के सदस्य सचिव सह उद्योग निदेशक के पास 31 अगस्त तक आवेदन देना होगा. अक्तूबर में होनेवाले सीएसआर कॉन्क्लेव में चयनित कंपनियों को अवार्ड दिया जायेगा.
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उद्योग सचिव सुनील बर्णवाल ने कहा कि जेसीएसआरसी का गठन वर्ष 2015 में झारखंड सरकार द्वारा यूनिसेफ के साथ साझेदारी में किया गया था. जेसीएसआरसी भारत में इस तरह की पहली एवं एकमात्र संस्था है. इसके गठन के बाद से राज्य में कंपनियों द्वारा सीएसआर फंड में किए जाने वाले योगदान में काफी वृद्धि हुई है. वर्ष 2012-13 में कंपनियों का सीएसआर में निवेश 247 करोड़ था, जो कि 2015-16 में बढ़ कर 754 करोड़ पर पहुंच गया. जिला स्तर पर सीएसआर की गतिविधियों की निगरानी और कंपनियों को सलाह प्रदान करने के लिए 22 जिलों में जिला सीएसआर समिति का गठन किया गया है. उद्योग सचिव ने कहा कि अबतक बड़ी कंपनियां ही अपने लाभ का दो प्रतिशत सीएसआर में दे रही है. अगले वर्ष से छोटी कंपनियों को भी इसमें शामिल किया जायेगा. जिला स्तर पर इसकी मॉनीटरिंग होगी.
यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डाॅ मधुलिका जोनाथन ने कहा कि जेसीएसआरसी, राज्य में विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सरकार और उद्योग को एक साथ साझा मंच पर लाया है. यूनिसेफ सतत विकास लक्ष्य 2030 की प्राप्ति के लिए एक अनूठे व्यापार मॉडल के विकास हेतु जेसीएसआरसी के साथ काम करना जारी रखेगा. उद्योग निदेशक के रविकुमार ने कहा कि सीएसआर फंड से छह हजार से अधिक टॉयलेट का निर्माण हो चुका है. साथ ही 7468 स्कूलों के सुदृढ़ीकरण और 11 स्वास्थ्य उपकेंद्रों के जीर्णोद्धार पर काम हो रहा है. टू इयर्स ऑफ झारखंड कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी काउंसिल (जेसीएसआरसी) : ए रिट्रोस्पेक्ट पुस्तिका को जारी करते हुए उन्होंने कहा कि यह पुस्तिका झारखंड में कंपनियों द्वारा किये गये सीएसआर गतिविधियों और प्रगति की एक झलक प्रदान करती है. यह पुस्तिका सरकारी कर्मचारियों, कॉरपोरेट, एनजीओ, मीडिया व आम लोगों के लिए सीएसआर एवं उससे संबंधित विषयों पर एक अच्छा संदर्भ पुस्तिका का काम करेगी. यूएन डेवलपमेंट प्रोफेशनल डाॅ दीपक गुप्ता ने कहा कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के विचार ने लंबी दूरी तय की है और इसे अभी और मीलों दूरी तय करनी है.
‘बिजनेस इंपेक्ट ऑन चिल्ड्रेन एंड चाइल्ड राइट्स : क्रिएटिंग अ ब्राइटर फ्यूचर’ विषय पर आयोजित सत्र को यूनिसेफ इंडिया की रूचिरा गुजराल,आइआइएम रांची के प्रोफसर रोहित कुमार व प्रोफेसर शिल्पी दासगुप्ता ने संबोधित किया. कार्यक्रम के दौरान सेल आरएमडी, टाटा स्टील, सीसीएल, एसीसी , एनटीपीसी, जेएसपीएल समेत कई अन्य कंपनियों के प्रतिनिधियों ने केस स्टडीज प्रस्तुत की.