रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को जिलों के डीसी, एसपी सहित सरकार व पुलिस के वरिष्ठ अफसरों के साथ कानून-व्यवस्था और अपराध की स्थिति की समीक्षा की. बैठक में मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि हमें अफसरशाही नहीं चाहिए. अब देश आजाद है. आदिवासी, गरीब सब हमारे लोग हैं. पुलिस-प्रशासन व जनता के बीच […]
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को जिलों के डीसी, एसपी सहित सरकार व पुलिस के वरिष्ठ अफसरों के साथ कानून-व्यवस्था और अपराध की स्थिति की समीक्षा की. बैठक में मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि हमें अफसरशाही नहीं चाहिए. अब देश आजाद है. आदिवासी, गरीब सब हमारे लोग हैं.
पुलिस-प्रशासन व जनता के बीच कोई बिचौलिया नहीं रहना चाहिए. थानों में गरीब को सम्मान मिलना ही चाहिए, भले ही वह मैले-कुचले कपड़े पहने क्यों न हो. उसी के पैसे से आपकी सैलरी आती है. गरीब हमारा भगवान है.
मुख्यमंत्री ने अपराध की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की. कहा कि पुलिस को हर तरह की सुविधा दी गयी है. हर तरह की छूट दी गयी है. लेकिन अपराध नहीं रुक रहा. यह चिंता का विषय है.
डीजीपी ने भी की अपराध, कानून व्यवस्था व नक्सलवाद की समीक्षा
रांची. मुख्यमंत्री की बैठक के बाद डीजीपी डीके पांडेय ने सभी जिलों के एसपी के साथ अपराध, कानून-व्यवस्था व नक्सलवाद की स्थिति की समीक्षा की. डीजीपी ने हाल के दिनों में नक्सलियों-उग्रवादियों द्वारा 16 स्पेशल पुलिस अफसर (एसपीओ) की हत्या किये जाने और एसपीओ का नाम उजागर होने की खबरों को गंभीर बताया. उन्होंने पुलिस अधीक्षकों से कहा कि एसपीओ की गोपनीयता को हर हाल में बनाये रखें, ताकि उनकी जान खतरे में ना पड़े. बैठक में स्पेशल ब्रांच ने नक्सली गतिविधियों और नक्सली घटनाओं का प्रजेंटेशन दिया, जिसमें पिछले साल के मुकाबले इस साल नक्सली-उग्रवादी घटनाओं में कमी की बात कही गयी. इसी तरह सीआइडी ने भी वर्ष 2016 के जनवरी से मई और इस साल के जनवरी से मई के बीच हुई आपराधिक घटनाओं का तुलनात्मक आंकड़ा प्रस्तुत किया. बैठक में सभी जिलों के एसपी के साथ सभी पुलिस प्रमंडल के डीआइजी, सभी आइजी और पुलिस मुख्यालय के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे.