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बाबूलाल-हेमंत को साथ लाने का प्लॉट तैयार कर रहे लालू

रांची. सीबीआइ कोर्ट की न्यायिक प्रक्रिया को लेकर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद इन दिनों लगातार झारखंड दौरा हो रहा हैं. लालू कोर्ट में हाजिरी देने पहुंच रहे हैं, लेकिन उनके झारखंड में कैंप करने से प्रदेश यूपीए की राजनीति भी परवान चढ़ रही है. लालू झारखंड में गठबंधन की गोटी तरीके से बिछा […]

रांची. सीबीआइ कोर्ट की न्यायिक प्रक्रिया को लेकर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद इन दिनों लगातार झारखंड दौरा हो रहा हैं. लालू कोर्ट में हाजिरी देने पहुंच रहे हैं, लेकिन उनके झारखंड में कैंप करने से प्रदेश यूपीए की राजनीति भी परवान चढ़ रही है. लालू झारखंड में गठबंधन की गोटी तरीके से बिछा रहे हैं. लालू झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और झामुमो के हेमंत सोरेन को साथ लाने का प्लॉट तैयार कर रहे हैं.
राजद सुप्रीमो ने बाबूलाल मरांडी और हेमंत सोरेन से अलग-अलग कई दौर की बैठक की है. दोनों नेताओं को उनका संदेश साफ है कि यूपीए के गठबंधन को मजबूत करने के लिए काम करे. वह नेताओं को व्यक्तिगत नफा-नुकसान छोड़ कर एक मजबूत गठबंधन बनाने की नसीहत दे रहे हैं. राजद सुप्रीमो जानते हैं कि झारखंड में इन दो नेताओं को एक प्लेटफॉर्म पर ले आये, तो भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी.
मीरा कुमार की बैठक में बाबूलाल के नहीं जाने का कारण पूछा : यूपीए के अंदर की राजनीति पर लालू की नजर है. पिछले दिनों यूपीए राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार झारखंड आयीं थीं. उस बैठक में झाविमो नेता बाबूलाल मरांडी नहीं पहुंच पाये थे. राजद सुप्रीमो को भी इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने बाबूलाल के एक करीबी नेता इसका कारण पूछा. उन्होंने यूपीए के नेताओं को छोटी-मोटी नाराजगी को दरकिनार कर साथ चलने को कहा. उन्होंने झाविमो नेता की भी सुनी और कहा कि आने वालेदिनों में सबकुछ दुरुस्त कर लिया जायेगा.
अासान नहीं है झाविमो-झामुमो का साथ आना
प्रदेश की राजनीति में झाविमो और झामुमो का साथ आना आसान नहीं है. बाबूलाल मरांडी और हेमंत सोरेन दोनों ही अपने को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करना चाहेंगे. यूपीए गठबंधन के अंदर झामुमो की दावेदारी होगी कि हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया जाये. संताल परगना दोनों की राजनीति का मजबूत आधार है. वहां दोनों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा टकरायेगी. संताल परगना की एक-एक सीट पर झाविमो और झामुमो आमने-सामने हैं. आदिवासी वोट बैंक पर दोनों की ही नजर है. इसके साथ ही उत्तरी छोटानागपुर और कोल्हान की भी कई सीटों पर मामला फंसेगा.
इन दिनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद का लगातार झारखंड में प्रवास हो रहा है. उनके झारखंड आने से पार्टी के साथ-साथ यूपीए को भी एक दिशा मिल रही है. आनेवाली चुनौतियों को ध्यान में रख कर पार्टी अध्यक्ष के दिशा-निर्देश पर काम हो रहा है. सेक्यूलर ताकत को साथ लाने में लालू जी की हमेशा भूमिका रही है. राष्ट्रीय फलक पर भी उन्होंने ये काम किया है. झारखंड में भी ऐसी ताकतों का मजबूत गठबंधन बनेगा. देश में फिरकापरस्त ताकतों को हराने के लिए सबको साथ आना होगा. लालू जी की झारखंड में यूपीए के अग्रणी नेताओं से कई दौर की बात हुई है, हम साझा रणनीति के तहत काम करेंगे.
-गौतम सागर राणा, राजद के प्रदेश अध्यक्ष
लालू प्रसाद से हमारे नेता बाबूलाल मरांडी की बातचीत हुई है. मैं भी लालू प्रसाद से लगातार मिल रहा हूं. भविष्य की राजनीति को लेकर चर्चा हो रही है. भाजपा को हराना है, तो यूपीए के दलों को अपना दंभ भी छोड़ना होगा. खुले मन से साथ आने की जरूरत है. अभी सवाल नेता या मुख्यमंत्री कौन होगा यह नहीं है. चुनौती से लड़ना है, तो साथ आना होगा. सभी दलों को एक-दूसरे का सम्मान करना होगा.
-बंधु तिर्की, झाविमो के महासचिव

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