एक मानसिकता बना दी गयी है कि नेता को पैसे वाला होना चाहिए. हम झारखंड में सीएनटी- एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ हैं. केरल के पूर्व विधायक व अॉल इंडिया किसान शाखा के केपी प्रसाद ने गुरुवार को पारित झारखंड सहित राष्ट्रीय प्रस्तावों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि झारखंड के आंदोलन को हम राष्ट्रीय स्तर पर ले जायेंगे. डॉ मिथिलेश डांगी सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम का संचालन नेशनल एलायंस अॉफ पिपुल मूवमेंट के मधुरेश व धन्यवाद ज्ञापन माकपा के प्रफुल्ल लिंडा ने किया. इस अवसर पर मध्य प्रदेश से आये सुनीलम, गांव बचाअो आंदोलन के प्रेमनाथ गुप्ता, काश्तकारी जनांदोलन के विलास बावंगड़े, समवेत संघर्ष के जितेंद्र, अखिल भारतीय किसान महासभा के राजाराम सिंह व विनोद सिंह सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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चेतावनी: भूमि अधिकार सम्मेलन में हन्नान हौला ने कहा, बिल दोबारा राजभवन भेजा गया तो लगातार होगा बंद व अांदोलन
रांची: झारखंड में सीएनटी-एसपीटी में संशोधन का मामला गंभीर है. इस मुद्दे पर हम साफ कर देना चाहते हैं कि संशोधन बिल दोबारा राजभवन भेजा गया, तो पूरे झारखंड में लगातार बंद व आंदोलन होगा. उक्त बातें पूर्व सांसद व अॉल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान हौला ने कही. वे गोस्सनर थियोलॉजिकल हॉल में […]
रांची: झारखंड में सीएनटी-एसपीटी में संशोधन का मामला गंभीर है. इस मुद्दे पर हम साफ कर देना चाहते हैं कि संशोधन बिल दोबारा राजभवन भेजा गया, तो पूरे झारखंड में लगातार बंद व आंदोलन होगा. उक्त बातें पूर्व सांसद व अॉल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान हौला ने कही. वे गोस्सनर थियोलॉजिकल हॉल में आयोजित भूमि अधिकार आंदोलन के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में बोल रहे थे. हन्नान भूमि अधिकार आंदोलन खड़ा करने वाले महत्वपूर्ण लोगों में से हैं. उन्होंने कहा कि भूमि अधिकार आंदोलन हमारा नया प्रयोग है. जल, जंगल व जमीन के कॉमन इश्यू (मुद्दे) पर इसे खड़ा किया गया है.
इसका कोई पदाधिकारी नहीं है, अागे भी नहीं होगा. न कोई अध्यक्ष, न कोई महासचिव, कुछ नहीं. यह राज्य व राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न संगठनों के सहारे संचालित होगा. यह अांदोलन अापसी सहमति से चलना है. तीन साल पहले यह संगठन शुरू हुआ. चार राज्यों (अोड़िशा, कर्नाटक, गुजरात व मध्यप्रदेश) के बाद अब यह संगठन झारखंड में भी शुरू हो गया है. अगले तीन-चार माह में राज्य के सभी राज्यों में इसे खड़ा करना है. इस नव प्रयोग की खासियत यह है कि गत तीन वर्षों में न कोई शिकायत हुई है, न ही कोई विवाद. किसी को कोई समस्या हो, तो वह इसे अपने संगठन में उठायेगा. भूमि अधिकार आंदोलन के मंच पर नहीं. इस आंदोलन के जरिये हम अपने मकसद में कामयाब होंगे.
पूरन महतो ने कहा कि पूरे देश में किसानों पर एक जैसा जुल्म हो रहा है. झारखंड में सीएनटी-एसपीटी एक्ट बड़ा मुद्दा है. पूरन ने उपस्थित लोगों से कहा कि जाकर अपने-अपने विधायकों व सांसदों से इस मुद्दे पर उनका पक्ष पूछें. उन्हें अपना पक्ष रखना होगा. पता तो चले कि वह क्या चाहते हैं. हमें बिकने वाले एमएलए व एमपी नहीं चाहिए. अॉल इंडिया यूनियन अॉफ फॉरेस्ट वर्किंग पिपुल की रोमा ने कहा कि जल, जंगल व जमीन हमारा बुनियादी मुद्दा है. झारखंड के शहीदों ने भी इसी मुद्दे पर लड़ाई लड़ी व शहीद हुए थे. इसी मुद्दे पर हम देश में नयी राजनीति की शुरुआत करना चाहते हैं. रोमा ने कहा कि कॉरपोरेट जगत के लिए बिकने वाली राजनीति हमें नहीं चाहिए. सीएनटी-एसपीटी, फॉरेस्ट एक्ट तथा पेसा में छेड़छाड़ का मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा.
अॉल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन, हरियाणा के सत्यवान ने कहा कि किसी राजनीतिक दल से कोई उम्मीद नहीं बची है. हम सबको जनता का भरोसा जीतना होगा. संकल्प वाला अनूठे चरित्र का व्यक्ति बनकर ही ऐसा किया जा सकता है. हम सबको एक भावना बनानी होगी कि हम आंदोलन के सिपाही हैं. हर किसी से सीखने की प्रवृत्ति हो, तो हम हारी बाजी भी जीत सकते हैं. गरीब व आम अादमी भी लोगों का नेतृत्व कर सकता है.
रैली व आमसभा
भूमि बचाअो आंदोलन के राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद शुक्रवार को झारखंड के खूंटी व अन्य जिलों से आये लोगों ने रैली निकाली. बिरसा चौक से हिनू व राजेंद्र चौक होते हुए रैली गोस्सनर थियोलॉजिकल हॉल परिसर पहुंच कर आमसभा में तब्दील हो गयी. अांदोलन से जुड़े विभिन्न नेताअों ने इन्हें संबोधित किया तथा उन्हें सम्मेलन में पारित प्रस्ताव की जानकारी दी. पूर्व विधायक माले के विनोद सिंह ने भी इसमें शिरकत की.
झारखंड संबंधी नये संकल्प…
अागामी 11 जुलाई को विधानसभा मार्च (विधानसभा सत्र के दौरान )
सरकार यदि 11 से 17 जुलाई 2017 तक आयोजित विधानसभा सत्र में सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक रद्द नहीं करती है, तो भूमि अधिकार आंदोलन के बैनरतले संसद का घेराव किया जायेगा
सीएनटी-एसपीटी एक्ट में ग्रामसभा की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अभियान शुरू करना
अडाणी पावर प्लांट के लिए जबरन भूमि अधिग्रहण रद्द किया जाये. गिरफ्तार विधायक प्रदीप यादव को अविलंब रिहा किया जाये तथा आंदोलनकारियों पर दर्ज फरजी मुकदमे रद्द किये जायें
वन अधिकार कानून-2006 काे अक्षरशः लागू किया जाये
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