झारखंड में मिथिलांचल के लाखों लोग रहते हैं, जिनका आवागमन का इन दोनों ट्रेन से हो हो रहा था. मंच ने डीअारएम को दो वैकल्पिक मार्ग का सुझाव दिया. इसमें रांची-मुरी-बोकारो-तुपकाडीह-तेलगड़िया (वाया टीटी लाइन)-धनबाद-चितरंजन. वहीं, दूसरा मार्ग रांची-मुरी-बोकारो-गोमो-धनबाद-चितरंजन शामिल हैं. डीआरएम से मिलनेवालाें में कुमार मनीष अरविंद, अरविंद कुमार झा, कृष्णमोहन झा, विवेकानंद मिश्र, नवीन चौधरी, अरुण कुमार झा, संजीव झा, राधेश्याम यादव, मधुप चंद्र झा आदि शामिल थे.
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रांची-जयनगर को वैकल्पिक मार्ग से चलायें, अन्यथा करेंगे प्रदर्शन
रांची: झारखंड मिथिला मंच के दर्जनों सदस्य शुक्रवार को डीआरएम विजय कुमार गुप्ता से मिले और ज्ञापन सौंपा. मंच ने डीआरएम से रांची-जयनगर एक्सप्रेस और दरभंगा-सिकंदराबाद एक्सप्रेस ट्रेन को वैकल्पिक मार्ग से चलाने की मांग की है. साथ ही अल्टीमेटम भी दिया कि अगर रेलवे 5 जुलाई तक वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करता है, तो मंच […]
रांची: झारखंड मिथिला मंच के दर्जनों सदस्य शुक्रवार को डीआरएम विजय कुमार गुप्ता से मिले और ज्ञापन सौंपा. मंच ने डीआरएम से रांची-जयनगर एक्सप्रेस और दरभंगा-सिकंदराबाद एक्सप्रेस ट्रेन को वैकल्पिक मार्ग से चलाने की मांग की है. साथ ही अल्टीमेटम भी दिया कि अगर रेलवे 5 जुलाई तक वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करता है, तो मंच डीआरएम कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेगा.
मंच के महासचिव संतोष कुमार झा ने डीआरएम को बताया कि इन दोनों ट्रेनों के रद्द होने से संपूर्ण मिथिलांचल के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल का रेल संपर्क टूट गया है. इससे सबसे अधिक कठिनाई छोटे बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों व बीमार लोगों को हो रही है. बिहार एवं झारखंड में एक मात्र मनोचिकित्सा संस्थान रांची में है, जहां पड़ोसी देश नेपाल सहित मिथिला के मनोरोगी इलाज कराने आते हैं. ट्रेन सेवा अवरुद्ध होने से ऐसे रोगियों व उनके परिजनों को काफी कठिनाइयां हो रही हैं.
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