रांची: वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने देश के 125 वन्य आश्रयणियों के रख-रखाव व प्रबंधन का मूल्यांकन (मैनेजमेंट इफेक्टिव इवैल्युएशन) किया है. इसमें 30 बिंदु पर सभी आश्रयणियों का आकलन किया गया. झारखंड के जमशेदपुर और सरायकेला स्थित दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का मैनेजमेंट इफेक्टिव इवैल्युएशन(एमइइ) राष्ट्रीय औसत के करीब है. देश का औसत 60.80 फीसदी पाया गया है. दलमा स्थित सेंचुरी का स्कोर 60.70 है. भारत सरकार ने इसे गुड (अच्छा) की श्रेणी में रखा है.
झारखंड में कुल चार आश्रयणियों को इस अध्ययन में शामिल किया गया है. इसमें महुआडांड़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, हजारीबाग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी तथा कोडरमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी भी शामिल हैं. दलमा को छोड़ तीनों को फेयर की श्रेणी में रखा गया है. महुआडांड़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का स्कोर 42.40, हजारीबाग का 53.91 तथा कोडरमा का 51.67 फीसदी है. यह अध्ययन भारत सरकार की संस्थान ने 2006 से 2014 से बीच कराया है. हाल ही में इसकी रिपोर्ट जारी की गयी है. इस तरह का अध्ययन पूरे विश्व में कराया जाता है. पूरे विश्व की वन्य आश्रयणियों का औसत स्कोर 56 फीसदी ही है.
कुल 130 बिंदुओं पर हुआ है अध्ययन
सभी वन्य आश्रयणियों का अध्ययन कुल 130 बिंदु पर हुआ है. इसमें वन्य आश्रयणियों के साइट की स्थिति, बायोडायवर्सिटी संरक्षण, प्रभावशाली संरक्षण रणनीति, दुर्घटनाओं का आंकलन, पहचान का महत्व, इंटीग्रेशन ऑफ लैंड स्केप, मानव-जानवरों के द्वंद की स्थिति को भी अध्ययन में शामिल किया गया है. इसके अतिरिक्त प्रबंधन प्लान, शिकायतों का निपटारा की विधि, वित्तीय संसाधन, आधारभूत संरचनाओं का रख-रखाव, आसपास के लोगों के सहयोग को भी पैमाना में शामिल किया गया था. मानव संसाधन की स्थिति, आपदा से निबटने की तैयारी, हैबीटेट का पुनर्संगठन, प्रबंधन प्लान का समय-समय पर अपटेड होना, मैन पावर की स्थिति, विलुप्त होते जानवरों की संख्या, विजिटर की संतुष्टि, मैनेजमेंट ट्रेंड का मूल्यांकन, सूचनाओं का आदान-प्रदान, आसपास रहने वाले लोगों के रोजगार के साधन, समाज को स्टेकहोल्डर के रूप में जोड़ने का आकलन भी इस अध्ययन में किया गया है. विजिटरों की सुविधाओं का प्रबंधन, स्टेकहोल्डरों की सहभागिता, समय से पैसा रिलीज होना, कर्मियों और पैसे का समुचित उपयोग, एनजीओ का सहयोग, प्रशिक्षित मैनपावर की स्थिति का अध्ययन को भी वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ने अध्ययन में शामिल कराया था.
बिहार की आश्रयणियों की स्थिति खराब
वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अध्ययन में बिहार के चार वन्य आश्रयणियों को शामिल किया है. बिहार के वन्य आश्रयणियों की स्कोरिंग काफी खराब है. संस्थान ने बिहार के नकटी डैम वाइल्ड लाइफ सेंचुरी तथा विक्रमशीला गंजैटिक डॉलफिन वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को पुअर (खराब) की श्रेणी में रखा है. दोनों संस्थानों का रैंकिंग क्रमश : 33.33 व 37.50 है. इसके अतिरिक्त बिहार के कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी व कंवर झील वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को फेयर की श्रेणी में रखा है. दोनों सेंचुरी का स्कोर क्रमश: 42.40 व 41.67 है.