रांची : रांची विवि की अंगीभूत इकाई व अॉटोनोमस रांची कॉलेज सिर्फ कागजों में ही विश्वविद्यालय बन कर रह गया है. गजट प्रकाशन के लगभग डेढ़ महीने बीत गये, लेकिन अब तक शिक्षा विभाग द्वारा इससे संबंधित अधिसूचना जारी नहीं की गयी है. रांची कॉलेज का नाम बदल कर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय किया […]
रांची : रांची विवि की अंगीभूत इकाई व अॉटोनोमस रांची कॉलेज सिर्फ कागजों में ही विश्वविद्यालय बन कर रह गया है. गजट प्रकाशन के लगभग डेढ़ महीने बीत गये, लेकिन अब तक शिक्षा विभाग द्वारा इससे संबंधित अधिसूचना जारी नहीं की गयी है. रांची कॉलेज का नाम बदल कर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय किया गया है. राज्य सरकार व राज्यपाल की स्वीकृति के बाद ही गजट का प्रकाशन किया गया है. लेकिन अधिसूचना जारी नहीं होने से कॉलेज प्रशासन उलझन में है.
विवि का दरजा मिलने पर नियमानुसार कुलपति की भी नियुक्ति होगी. ज्यादातर मामले में प्राचार्य के पद को ही अपग्रेड कर कुलपति बना दिया गया है. इसके लिए भी राज्य सरकार व कुलाधिपति को ही निर्णय लेना है. रांची कॉलेज प्रशासन ने इस सत्र में रांची कॉलेज के नाम से ही फॉर्म आदि का वितरण किया. सभी फॉर्म अॉनलाइन किये गये. लेकिन इन विद्यार्थियों को डिग्री सर्टिफिकेट किस नाम से दिया जायेगा, इसे लेकर उलझन बरकरार है. नामांकन के बाद प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा होगी.
अगर किसी विद्यार्थी को तत्काल बाहर जाने पर सर्टिफिकेट की जरूरत होगी, तो सर्टिफिकेट किस नाम से दिया जायेगा. माइग्रेशन, अंक पत्र जारी करने को लेकर भी उलझनें हैं. क्योंकि सरकार ने गजट प्रकाशित कर दिया है. साथ ही अधिसूचना जारी नहीं होने से पूरा मामला अटका हुआ है. रांची कॉलेज प्रशासन ने दो बार राज्य सरकार को पत्र भेज कर इस मामले में दिशा-निर्देश मांगा है, लेकिन किसी प्रकार की भी विधिवत सूचना न तो रांची विवि को अौर न ही रांची कॉलेज प्रशासन को दी गयी है.
विवि के लिए 55 करोड़ रुपये मिले
रांची कॉलेज को विवि का दरजा दिलाने की स्वीकृति के बाद ही 55 करोड़ रुपये मिले हैं. इसके तहत रांची कॉलेज के 403 कमरों वाले भवन का जीर्णोद्धार व रंग रोगन किया जा रहा है. इसके अलावा रांची कॉलेज हॉस्टल का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है. जबकि नये परिसर में तीन मंजिला प्रशासनिक भवन का निर्माण कराया जा रहा है. इसके अलावा तीन मंजिला गेस्ट हाउस, दो मंजिला कैंटीन/कॉमन रूम, तीन मंजिला परीक्षा भवन तथा चार मंजिला एकेडमिक भवन (पीजी/वोकेशनल कोर्स) बनाये जा रहे हैं. इसके अलावा अगले फेज में 200 बेड का एक अौर हॉस्टल बनाये जाने का निर्णय लिया गया है. कॉलेज के मुख्य भवन में दो करोड़ 20 लाख रुपये से 500 सीट वाले सभागार को अत्याधुनिक रूप दिया जा रहा है. इस सभागार में बालकोनी भी रखा गया है.
शिक्षक नहीं, बीकॉम की पढ़ाई शुरू नहीं
कॉलेज में बीकॉम व एमकॉम की पढ़ाई पुन: शुरू करने की निर्णय काफी पहले लिया गया है. लेकिन स्थायी शिक्षक के नहीं रहने का कारण पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी. रांची कॉलेज में पूर्व में बीकॉम व एमकॉम की पढ़ाई शुरू हुई, लेकिन इसे बाद में मारवाड़ी कॉलेज में शिप्ट कर दिया गया. वर्तमान में कॉलेज में 23 विषयों में स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई हो रही है. इसके अलावा स्नातक स्तर पर वोकेशनल कोर्स व स्नातकोत्तर स्तर एमबीए, एमसीए, एमएससी इन आइटी, एमएससी इन इनवायरमेंटल साइंस की पढ़ाई चल रही है. शीघ्र ही एमएससी इन माइक्रोबॉयोलॉजी व पीजी डिप्लोमा इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट की पढ़ाई शुरू होने वाली है. इस कॉलेज के अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब को टीसीएस ने सराहना की अौर प्रशंसा पत्र भेजा है. कॉलेज में इस सत्र से क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया है, जबकि अगले सत्र से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया जायेगा.