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पुरानी सिंचाई परियोजनाएं पूरी की जायेंगी : चंद्रप्रकाश चौधरी

रांची : जल संसाधन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि राज्य की सभी पुरानी सिंचाई परियोजनाएं पूरी जायेंगी. खासकर वे परियोजनाएं, जो पहले चालू थीं, लेकिन आज बंद हैं. मंत्री बुधवार को सूचना भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में विभाग की उपलब्धियां बता रहे थे. उन्होंने बताया कि देश में सिंचित भूमि […]

रांची : जल संसाधन, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि राज्य की सभी पुरानी सिंचाई परियोजनाएं पूरी जायेंगी. खासकर वे परियोजनाएं, जो पहले चालू थीं, लेकिन आज बंद हैं. मंत्री बुधवार को सूचना भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में विभाग की उपलब्धियां बता रहे थे.
उन्होंने बताया कि देश में सिंचित भूमि का औसत 60 प्रतिशत है. झारखंड में कुल 27 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती होती है. इसमें सृजित सिंचाई क्षमता 34.8 प्रतिशत है. यानी लगभग 9.42 हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा है. इसमें भी 20 प्रतिशत में ही वास्तविक रूप से सिंचाई की सुविधा है. पुराने समय की कई योजनाएं अब बंद पड़ी हुई हैं. ऐसी 102 योजनाओं को चिह्नित किया गया है. इन्हें पूरा किया जायेगा. मंत्री ने बताया कि 1884 पुराने सिंचाई तालाबों को भी चिह्नित किया गया है, जिनका जीर्णोद्धार किया गया है. तीन वर्षों में इन तालाबों को गहरा कर लिया जायेगा. प्रेस वार्ता में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह, पेयजल विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह, एसबीएम के निदेशक राजेश शर्मा, अभियंता प्रमुख रमेश कुमार, पीआरडी के निदेशक राजीव लोचन बक्शी भी थे.
अजय बराज का उदघाटन 30 जून को
मंत्री ने कहा कि देवघर में अजय बराज योजना का उदघाटन 30 जून को होगा. नकटी का काम भी पूरा कर लिया गया है. कुछ योजनाओं में भू-अर्जन के कारण विलंब हो रहा है. राजस्व सचिव से बात हुई है. जल्द ही समाधान मिल जायेगा. उन्होंने कहा कि स्वर्णरेखा परियोजना में भी विलंब की वजह जनविरोध है. लोगों को समझाने का प्रयास हो रहा है.
वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1544.07 करोड़ रुपये खर्च : मंत्री ने बताया कि जल संसाधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1544.07 करोड़ रुपये खर्च किये हैं, जो किसी भी वित्तीय वर्ष की तुलना में दोगुना है. उन्होंने बताया कि खोयी हुई सिंचाई क्षमता को पुनर्स्थापित करने के लिए 42 योजनाओं पर 1301.35 करोड़ खर्च किये जायेंगे, जिससे 67 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी. कुल 794 चेक डैम निर्माण योजना में अबतक 495 पूरे कर लिये गये हैं.
आदिम जनजाति टोलों में 79 योजनाओं का क्रियान्वयन श्री चौधरी ने बताया कि विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 13.02 लाख व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण किया गया है. राज्य में पहली बार रामगढ़ जिला को ओडीएफ घोषित किया गया. पहली बार राज्य के आदिम जनजाति टोलों में 79 योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है. नक्सल प्रभावित जिलों में 576 ग्रामीण पाइप लाइन जलापूर्ति योजना पर काम चल रहा है. राज्य में 61 वृहद ग्रामीण पाइप लाइन जलापूर्ति योजनाओं एवं 3703 लघु ग्रामीण पाइप लाइन जलापूर्ति योजनाएं पूर्ण कर ली गयी हैं. इसके माध्यम से 44.25 लाख आबादी को पाइप लाइन से जलापूर्ति की जायेगी.

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