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उद्योगों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में सरकार

घाटोटांड़ : एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार 12 मार्च को झारखंड 15 नंबर में यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन की बैठक को संबोधित किया़ कहा कि देश की स्थित दिनोंदिन खराब होते जा रही है. मोदी सरकार आरएसएस के इशारे पर देश में भयावह वातावरण पैदा कर रही है. वर्तमान केंद्र सरकार का मानना है […]

घाटोटांड़ : एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार 12 मार्च को झारखंड 15 नंबर में यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन की बैठक को संबोधित किया़ कहा कि देश की स्थित दिनोंदिन खराब होते जा रही है. मोदी सरकार आरएसएस के इशारे पर देश में भयावह वातावरण पैदा कर रही है. वर्तमान केंद्र सरकार का मानना है कि कल-करखाने, उद्योग-धंधे चलाना सरकार का काम नहीं है. यह काम पूंजीपतियों का है. इसे उन्हीं को सौंप दिया जाना चाहिए, जो गलत है.
देश के मेहनतकश मजदूरों ने आंदोलन के बदौलत जो अधिकार हासिल किया है सरकार उसे छीनने पर उतारू है. एक बार फिर से कोयला उद्योग का निजीकरण करने का प्रयास तेजी से किया जा रहा है. सरकार के गलत नीतियों का विरोध करने वाले वामपंथी संगठनों व ट्रेड यूनियन पर हमले हो रहे हैं. सरकार मजदूरों को देश के विकास में बाधक मानती है.
जबकि मजदूर के बगैर देश एक कदम आगे नहीं बढ़ सकता. पूजींपतियों के इशारे पर सरकार श्रम कानून में संशोधन कर मालिक पक्षीय कानून बना रही है. यूनियन बनाने का अधिकार छिना जा रहा है. हड़ताल, धरना-प्रदर्शन पर प्रतिबंध की तैयारी चल रही है. हम ऐसा नहीं होने देंगे.
उन्होंने कहा कि लोकल सेल कोलियरी के कल्चर को बरबाद कर दिया है. झारखंड में आयरन ओर तथा कोयला दो ऐसे खनिज पदार्थ हैं जिसने झारखंड की राजनीति को भ्रष्ट बना दिया है.
अनेक नेता आयरन ओर व कोयला के अवैध कमाई से फल-फूल रहे हैं. रमेंद्र कुमार ने कहा कि जेएनयू में देश के मेधावी छात्र- छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं उसे षडयंत्र के तहत देशद्रोही का अड्डा बताया जा रहा है. यह सब आरएसएस के इशारे पर हो रहा है.
भाजपा आरएसएस का राजनीतिक संगठन है. जो आरएसएस के विचारधारा को देश पर थोपना चाहती है. आरएसएस का देश के आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं है. आज वही खुद को देशभक्त बता रहे हैं. हम लाल झंडे के लोग इसके खिलाफ जोरदार लड़ाई लड़ने को तैयार हैं इसके लिए चाहे जितनी कुरबानी देनी पड़ी देंगे.
यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन के महामंत्री लखन लाल महतो ने कहा कि कोयला उद्योग कठिनाईयों के दौर से गुजर रहा है. सरकार की गलत नीतियों के कारण कोयले की मांग घट गयी है. सरकार इसका हवाला देकर मजदूरों पर हमला कर रही है. इससे मजदूरों को सतर्क रहने की जरूरत है.
ठेका मजदूरों की संख्या कोयला उद्योग में बढ़ रहा है. परंतु उन्हें उनका वाजिब हक नहीं मिल रहा. इसके लिए एकजुट होकर आंदोलन करने की जरूरत है. उन्होंने यूनियन के 11 वें महाधिवेशन की तैयारी की चर्चा करते हुये इसे सफल बनाने की अपील की. वहीं 29 मार्च को होने वाले हड़ताल को भी ऐतिहासिक बनाने की बात कही. बैठक को क्षेत्रीय सचिव बालेश्वर महतो ने भी संबोधित किया.

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