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चर्चा हुई आम, अब किसके हाथ कमान

रांची.बुधवार की शाम पांडेय गिरोह के प्रमुख किशोर पांडेय के मारे जाने के बाद से ही क्षेत्र के यह चर्चा होने लगी है कि आखिर अब गिरोह का कमान किसके हाथ जायेगा. चर्चा में आ रही बातों को तरजीह दें, तो गिरोह का कमान विकास तिवारी, संतोष सिंह व बबलू पांडेय में से किसी एक […]

रांची.बुधवार की शाम पांडेय गिरोह के प्रमुख किशोर पांडेय के मारे जाने के बाद से ही क्षेत्र के यह चर्चा होने लगी है कि आखिर अब गिरोह का कमान किसके हाथ जायेगा. चर्चा में आ रही बातों को तरजीह दें, तो गिरोह का कमान विकास तिवारी, संतोष सिंह व बबलू पांडेय में से किसी एक के हाथ आयेगा. विकास, संतोष जहां किशोर के सबसे भरोसेमंद बताये गये, वहीं बबलू उसका भाई है. वह गिरोह के सभी सदस्यों से पूरी तरह से वाकिफ है. गिरोह के सदस्य उसके प्रति वफादार भी हैं. चर्चा है कि किशोर के व्यावसायिक नेटवर्क समेत वसूली के बड़े कार्यों को पूर्व की तरह संभालने के लिए किशोर के जैसे ही निडर चेहरे की जरूरत है.संतोष संभालता है रांची का कामकाज : आ रही खबरों की मानें, तो रांची जिले में किशोर का साम्राज्य उसका सबसे भरोसेमंद साथी संतोष सिंह संभालता रहा है. संतोष कई वर्षों से रांची में घटनाओं के जरिये अपनी सशक्त उपस्थिति भी दर्ज कराता रहा है. किशोर के इशारे पर कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहने वाला संतोष इस गिरोह के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है.खूनी संघर्ष से इनकार नहीं : ताजा बने हालात पर जानकारों का कहना है कि किशोर की हत्या के बाद उसके साथी हर मुमकिन जगह पर हमलावरों या इसके सूत्र की तलाशी में जुटे हैं. पांडेय गिरोह जल्द से जल्द हिसाब चुकाना चाहता है. घटना के बाद से ही गिरोह के सदस्यों में से कई को क्षेत्र में सक्रिय रूप से यहां-वहां आते-जाते देखा जा रहा है. ऐसे में लोग कयास लगाने लगे हैं कि बदले की कार्रवाई में गैंगवार हो सकता है. हमलावर या संपर्क सूत्र की तलाश के लिए गिरोह ने अंडरवर्ल्ड के अपने साथियों को भी बुलाया है. कई टीमें हमलावरों की खोजबीन में जमशेदपुर, धनबाद, कोलकाता, रांची समेत अन्य संबंधित जगहों के लिए भेजे गये हैं. दूसरे आपराधिक गिरोहों के लोगों के भी इस हत्याकांड के बाद सक्रिय होने की चर्चा हो रही है. क्योंकि हत्या करने वाले गिरोह के लोग क्षेत्र में अपनी बादशाहत कायम करना चाहते हैं, जो कि पांडेय गिरोह को कतई बरदाश्त नहीं होगा.नेटवर्क के सारे लोग थे मौजूद : किशोर के दुनिया छोड़ जाने के बावजूद उसके टीम से जुड़े सभी वफादार जमशेदपुर से लेकर शुक्रवार को पतरातू दामोदर घाट पर अंतिम संस्कार तक साथ बने रहे. सभी के चेहरे पर गुस्सा व बदले की भावना झलक रही थी. किशोर ने समाजसेवा के रूप में जिन लोगों की आज तक मदद की थी, वे लोग भी घाट पर दिखे. गोलियों से दी गयी सलामी : घाट पर मुखाग्नि के वक्त साथियों ने किशोर को सलामी देने के लिए हवा में कई गोलियां चलायी. घाट पर मौजूद लोगों ने श्रद्धांजलि स्वरूप एक मिनट का मौन भी रखा. बेटे आदित्य को देख सभी भावुक थे. घाट पर सबसे ज्यादा युवाओं की भीड़ थी.

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